जयपुर जिले से सटे रींगस (सीकर) के मूल निवासी और दुनिया में ‘मेटल किंग’ के नाम से प्रसिद्ध वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने जीवन की कमाई का 75% हिस्सा शिक्षा क्षेत्र को समर्पित करने की घोषणा की है। यह राशि भारतीय मुद्रा में करीब ₹21,000 करोड़ बनती है, जो किसी भी भारतीय द्वारा अब तक का सबसे बड़ा निश्वार्थ दान माना जा रहा है। 24 जनवरी 1954 को पटना में जन्मे अनिल अग्रवाल ने लंदन में अपने परिवार की सहमति के बाद यह घोषणा करते हुए बताया कि यह पूरा फंड भारत में शिक्षा को समर्पित बड़े प्रोजेक्ट्स पर खर्च किया जाएगा। उनकी योजना देश में ऐसी यूनिवर्सिटी बनाने की है जो ऑक्सफोर्ड जैसी प्रतिष्ठा रखे, और ‘नो प्रॉफिट-नो लॉस’ के सिद्धांत पर संचालित हो।