आफताबे शेखावाटी का 159वां उर्स मुबारक संपन्न….

देशभर से उमड़े जायरीन, चादर पेश कर मांगी अमन-चैन और तरक्की की दुआ

फतेहपुर में धार्मिक सौहार्द व गंगा जमुनी तहजीब की प्रतीक ऐतिहासिक दरगाह आफ़ताबे शेखावाटी हज़रत ख़्वाजा हाजी मुहम्मद नजमुद्दीन साहिब सुलैमानी चिश्ती अल्फ़ारूक़ी रहमतुल्लाह अलैह का 159 वां सालाना उर्स मुबारक बड़ी ही अकीदत के साथ सम्पन्न हुआ। दरगाह के सज्जादानशीन व मुतवल्ली हुज़ूर नसीरे मिल्लत पीर ग़ुलाम नसीर साहिब नजमी सुलैमानी चिश्ती अल्फ़ारूक़ी ने बताया कि महान सूफी संत हज़रत ख़्वाजा हाजी मुहम्मद नजमुद्दीन साहिब सुलैमानी चिश्ती अल्फ़ारूक़ी के 159 वें सालाना उर्स में देश के कौने कौने से जायरीनों ने शिरकत की। यहां पर दूर दराज से आए जायरीनों ने दरगाह में अकीदत के साथ चादर पेश कर देश में अमन चेन सुकून, तरक्की की दुआएं मांगी। शुक्रवार शाम को क़दीमी शाही चादर का जुलूस शाही लवाजमे के साथ मुहल्ला चेजारान से रवाना हो कर शाम को दरगाह शरीफ पहुंचा। जहां सज्जादानशीन व मुतवल्ली ने कदीमी चादर को अपने सर पर ग्रहण कर मुख्य मज़ार पर पेश की। और देश की खुशहाली की कामना की। दरगाह में बड़े उर्स के मौके पर अपार जनसैलाब उमड़ा। देर रात तक मेले में झूलों और दुकानों पर रौनक का माहौल रहा। वहीं शनिवार दोपहर को कुल की रस्म के साथ उर्स का विधिवत समापन हुआ। उल्लेखनीय है कि उर्स के दौरान रोज़ाना क़ुरान ख्वानी, ख़त्मे ख़्वाजगान, सुबह शाम लंगर, रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक क़व्वाली की महफ़िल का आयोजन किया गया। जिसमें मुल्क के नामवर व मशहूर कव्वालों ने क़व्वालियाँ पेश की। वहीं दरगाह परिसर में लगे मेले में दुकानों पर जायरीनों ने जमकर जरूरत के सामान की खरीददारी की।