संविधान दिवस के अवसर पर लक्ष्मणगढ़ के मोदी विश्वविद्यालय ने समारोह की थीम ‘इंडिया: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास उपस्थित रहे. न्यायमूर्ति जी. के. व्यास ने इस दिन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संविधान निर्माण की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा बताया की भारत का संविधान विश्व के सारे संविधानो में से सर्वोत्तम है तथा यह हमें जीवन जीने का अधिकार देता है और संविधान मैं आम लोगों के अधिकारों के अलावा उनके कर्तव्यों का भी उल्लेख है इसलिए कानून के विद्यार्थी केवल व्यवसायिक हितों को ध्यान में न रखते हुए आम लोगों की मानवीय भाव से सेवा करने के का प्रयास करे. इस अवसर पर शैलेंद्र व्यास जी, रजिस्ट्रार, राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग, जयपुर भी उपस्थित रहे.कार्यक्रम के दौरान स्कूल ऑफ लॉ के पूर्व कर्मचारी स्व. नवीन पपनई की स्मृति में एक छात्र पत्रिका नवीन के तीसरे संस्करण का भी विमोचन किया गया. हमारी पहचान को संरक्षित करते हुए हमारी संवैधानिक विविधता को प्रदर्शित करते हुए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शास्त्रीय और लोक नृत्यों से लेकर हमारे संविधान में निर्धारित मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले मोनोलॉग, नाटक और कविताओं तक कई कार्यक्रम शामिल थे. कार्यक्रम में मोदी विश्वविद्याल के निदेशक डॉ. राजीव माथुर, विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो. सतीश सी. शास्त्री, डीन एडमिन, डॉ. एन. के. महेश्वरी, रजिस्ट्रार, डॉ. विनोद पुरोहित, एच. ओ. डी. डॉ. आर. एस. सोलंकी, सभी संकायों के अधिष्ठाता, अध्यापक एवं छात्र उपस्थित थे.