उदयपुर राजपरिवार की गद्दी पर बैठेंगे विश्वराज सिंह मेवाड़…

25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ दुर्ग में होगी पारंपरिक राजतिलक रस्म

उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ गद्दी संभालेंगे। 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ दुर्ग के फतह प्रकाश महल में पारंपरिक राजतिलक समारोह होगा। इस दौरान देशभर के पूर्व राजपरिवारों के सदस्य और गणमान्य लोग शामिल होंगे।

राजतिलक की परंपरा और रस्में

समारोह में म्यान से तलवार निकालकर खून से तिलक किया जाएगा। इस परंपरा के तहत सलूंबर रावत देवव्रत सिंह अंगूठे पर चीरा लगाकर खून से विश्वराज सिंह के माथे पर तिलक करेंगे। इसके साथ वैदिक मंत्रोच्चार होगा। राजगद्दी की पूजा और आश्का परंपरा निभाई जाएगी, जिसमें उदयपुर के एकलिंगजी, कांकरोली के द्वारिकाधीश, और चारभुजा मंदिरों से पवित्र वस्त्र और फूल लाए जाएंगे।

एकलिंगजी में विशेष रस्में

मेवाड़ के राजा को एकलिंगनाथजी का दीवान माना जाता है। विश्वराज सिंह भी एकलिंगनाथजी मंदिर में चांदी की छड़ी धारण करेंगे। इसके बाद पंडित शोक भंग की रस्म पूरी करेंगे, जिसमें सफेद पाग हटाकर रंगीन पाग पहनाई जाएगी।

समारोह के बाद कार्यक्रम

राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ जनता से मिलेंगे। इसके बाद वे उदयपुर में कुलदेवता और महल में प्रयागगिरी महाराज की धूणी पर दर्शन करेंगे। रंग दस्तूर की विधि के तहत उन्हें दीवान के रूप में कार्य करने की मान्यता मिलेगी।

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