झुंझुनूं के कांग्रेस नेता और वर्तमान में राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के अल्पसंख्यक विभाग का राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। नियुक्ति कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने की।चोपदार की नियुक्ति कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सहमति से हुई है।
बड़ी जिम्मेदारी मिली- एमडी चोपदार
नियुक्ति के बाद चोपदार ने कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी द्वारा एक बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि वे सभी को साथ लेकर चलेंगे और राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगे। यह जिम्मेदारी उनके लिए एक अवसर है कि वे अल्पसंख्यक समुदाय के मुद्दों को और प्रभावी ढंग से उठाएं और पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाएं। एमडी चोपदार की नियुक्ति होने पर झुंझुनूं में अल्पसंख्यक समुदाय और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी है।
एमडी चोपदार का राजनीतिक सफर
हाजी महबूब दीवान चोपदार का कांग्रेस पार्टी से 24-25 वर्षों का लंबा जुड़ाव रहा है। वे स्वयं को कांग्रेस का “सच्चा सिपाही” मानते हैं और पार्टी के हित में लगातार सक्रिय रहे हैं। वे कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के करीबी माने जाते हैं, और उन्हें पहले अल्पसंख्यक विभाग के नेतृत्व कार्यक्रम (लीडरशिप प्रोग्राम) का राष्ट्रीय समन्वयक भी नियुक्त किया गया था।
2023 में, जब नई बीजेपी सरकार ने उनकी नियुक्ति को अवैध करार देकर हटाने का प्रयास किया, तो चोपदार ने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अप्रैल 2024 में, हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए हटाने के आदेश पर रोक लगा दी, जिससे उनका चेयरमैन पद बरकरार रहा।
झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव 2024 में रहे चर्चा में रहे
चोपदार ने झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी पेश की। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। उनका तर्क था कि झुंझुनूं में मुस्लिम समुदाय की आबादी और उनके योगदान को देखते हुए इस बार किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देना चाहिए। चोपदार ने मुस्लिम न्याय मंच के बैनर तले इस मांग को जोर-शोर से उठाया।
चोपदार और उनके समर्थकों का कहना था कि ओला परिवार को लगातार टिकट देकर कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय को नजरअंदाज किया है। झुंझुनूं में मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में हैं और उनकी उपेक्षा से समुदाय में नाराजगी बढ़ी। मंच ने कांग्रेस वॉर रूम के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी की, जिसमें उन्होंने ओला परिवार के एकछत्र दबदबे का विरोध किया।
बृजेंद्र ओला और चोपदार की अदावत
चोपदार और बृजेंद्र ओला के बीच पुरानी दुश्मनी भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रही है। 2024 के उप चुनाव में स्थानीय स्तर पर यह चर्चा थी कि चोपदार को ओला परिवार के प्रभुत्व के खिलाफ एक वैकल्पिक नेतृत्व के रूप में देखा जा रहा था। चोपदार की टिकट की मांग और उनके द्वारा मुस्लिम समुदाय की नाराजगी को हवा देना, बृजेंद्र ओला के लिए एक चुनौती बन गया था।
चोपदार ने मुस्लिम न्याय मंच के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की कि कांग्रेस का मुस्लिम समुदाय के प्रति रवैया उदासीन है। यह विरोध उस समय और तेज हुआ जब कांग्रेस ने अमित ओला को टिकट देने का फैसला किया। मंच ने इसे ओला परिवार की “वंशवादी राजनीति” का प्रतीक बताया।
मदरसा बोर्ड चेयरमैन बनाए गए
जनवरी 2023 में, राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एम डी चोपदार को राजस्थान मदरसा बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया था। उनके कार्यकाल में मदरसा शिक्षा को आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया है, जिसमें 500 मदरसों में स्मार्ट क्लास शुरू करने की घोषणा और मदरसा पैराटीचर्स को शिक्षा अनुदेशक के रूप में नियमित करने तथा उनके मानदेय में बढ़ोतरी जैसे मुद्दे शामिल थे। उनके कार्यकाल में मदरसों में बच्चों के लिए ड्रेस वितरण, शिक्षा अनुदेशकों के वेतन में बढ़ोतरी और बोर्ड के संचालन में नवाचार जैसे कदम उठाए गए।