किसानों ने 765 केवी ट्रांसमीशन लाइन को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया…

कलेक्टर से वार्ता कर मुआवजे की मांग, किसान महापंचायत का बड़ा आंदोलन 29 जनवरी को

जिले में बीकानेर-नीमराना के बीच डाली जा रही 765 केवी ट्रांसमीशन लाइन को लेकर सोमवार को किसानों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर सभा कर विरोध जताया। जब कलेक्टर से मिलने के लिए किसानों का प्रतिनिधिमंडल गेट के अंदर जाने लगा, तो पुलिस ने गेट बंद कर दिया, जिससे किसान आक्रोशित हो गए। महिलाओं और किसानों ने गेट पर चढ़कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

किसानों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर रामावतार मीणा से मिला और उनकी मांगों को रखा। प्रतिनिधिमंडल ने जमीन का मुआवजा 26 लाख रुपए प्रति बीघा, खराब फसलों के नुकसान का आकलन कर उचित मुआवजा देने की मांग की। कलेक्टर ने किसानों की कंपनी से वार्ता करने और उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय का आश्वासन दिया।

किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि कंपनी बिना किसानों की सहमति के उनके खेतों में खड़ी फसल को तबाह कर रही है और टावर का निर्माण कर रही है। उचित मुआवजे की मांग पर कंपनी के लोग किसानों को धमकी दे रहे हैं।

इस दौरान किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने 29 जनवरी को प्रदेश में 45 हजार 537 गांवों में गांव बंद आंदोलन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह आंदोलन पारंपरिक आंदोलन से अलग होगा, जिसमें गांव का व्यक्ति और उत्पादन गांव में ही रहेगा। आंदोलन में जनसंपर्क और गांव बंद की रणनीति के तहत शांति एवं अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित होगा।

किसान महापंचायत के प्रदेश मंत्री बत्ती लाल बैरवा, पूर्व प्रधान बजरंग लाल नेहरा, इंद्राज सिंह नेहरा, महेंद्र सिंह, महेश कुमार आदि शामिल रहे।

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