किसान नेता कुंभाराम आर्य की 109वीं जयंती कार्यक्रम: शेखावाटी में नहर के लिए जन आंदोलन करना होगा- महरिया
Sikar News: किसान नेता कुंभाराम आर्य की 109वीं जयंती कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने कहा कि किसान हितों की जब बात आती है. तब कुंभाराम जी का नाम जरूर आता है.
सीकर. शेखावाटी क्षेत्र धीरे-धीरे अकाल क्षेत्र बन चुका है. ऐसे में जरूरी है कि अब यहां नहरी पानी के लिए जन आंदोलन शुरू हो. यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने चौधरी चरण सिंह ग्रामीण विकास संस्थान सीकर, भारतीय किसान यूनियन एवं नहर लाओ संघर्ष समिति सीकर के तत्वाधान में बुधवार को गोपाल सदन में आयोजित किसान नेता कुंभाराम आर्य की 109वीं जयंती कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए कहीं.
महरिया ने कहा कि किसान हितों की जब बात आती है. तब कुंभाराम जी का नाम जरूर आता है. आजादी के बाद से अब तक के वृतांत देखते हैं तो पता चलता है कि किसान को जमीन का हक मिल गया. श के 700 से अधिक जिलों में से 225 से ज्यादा अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण अकाल का सामना करना पड़ता है वहीं 225 से ज्यादा जिले पानी की कमी और सूखे की कारण अकाल की चपेट में आते हैं इसलिए 450 से अधिक जिलों मैं पानी के उचित प्रबंधन के अभाव में अकाल की चपेट को सहना पड़ता है. महरिया ने कहा कि राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने शेखावाटी को नहरी पानी दिलाने का मुद्दा उठाया है लेकिन रिजल्ट नहीं आया. हरियाणा और पंजाब का किसान हमसे आगे हैं. वो जिस तरह से आंदोलन करते हैं. वह देखने लायक होते हैं. पंजाब और हरियाणा में किसी भी तरह की सरकार रही हो, वहां किसान हितैषी मुख्यमंत्री रहे. वहां के मुख्यमंत्रियों ने किसानों के लिए कई काम करके भी दिखाए हैं. ऐसे में जरुरी है कि जन आंदोलन खड़ा होगा और सरकारों को झुकना भी पड़ेगा. सरकार खुद भागी भागी आएगी और पूछेगी कि क्या करना है. केवल मीटिंग ही नहीं रोज जुबां पर यह बात आनी चाहिए.
इस अवसर पर जनता दल सेक्युलर प्रदेशाध्यक्ष अर्जुनदान देथा, ग्रामीण महिला शिक्षण संस्थान पूर्व अध्यक्ष चैन सिंह आर्य, दयानंद आश्रम जोधपुर के स्वामी चेतनानंद सरस्वती, राष्ट्रीय लोकदल महामंत्री काशीराम मेघवाल, पूर्व प्रधान उस्मान खान, पदम श्री सुंडाराम वर्मा, भादवासी सरपंच विमला देवी, दयाराम महरिया, पुरातत्ववेता गणेश बेरवाल, भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह जाखड़, भंवरलाल बिजारणिया, हरदयाल सिंह रैवाड़ ने अपने उद्बोधन में चौधरी कुंभाराम आर्य के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालने के साथ-साथ नहर क्षेत्र लाने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए अति आवश्यक बताया.शहाबुद्दीन गौड़, प्रो जवाहर सिंह जाखड़, प्रो शिवनाथ सिंह, प्रो हेमाराम गोदारा,हरलाल सिंह सुंडा, शिवदयाल सिंह मील लालासी , पूर्व प्रधान चोखाराम बुरड़क,मदन प्रकाश मावलिया, ग्रामीण महिला शिक्षण संस्थान अध्यक्ष झाबरमल सिगड़,सांवरमल मुवाल, कैलाश यादव, हरिराम मील, बीरबल सिंह पिपराली,नेकीराम आर्य, रामचंद्र सिंह. आर्य, कुडली सरपंच प्रभु दयाल ओला, देवी सिंह चौधरी , किरडोली पूर्व सरपंच अब्बास खान, हनुमान परसवाल,विजय सिंह धारीवाल, प्रहलाद पारीक, विद्याधर पिलानिया, टोडरमल फोगावत, छाजू राम मंगावा, डॉ बनवारी लाल गुर्जर, नरेंद्र धायल, जगदीश फौजी, चंद्र सिंह थालोड, रामचंद्र सुंडा, चुनाराम फौजी, सुभाष पूनिया, रतन सिंह पिलानिया, कैप्टन राजपाल सिंह झाझड़ीया, बृजमोहन सेवदा ,राजेंद्र डोरवाल, जसवीर सिंह भूकर, बीरबल सिंह पालड़ी, भोलू राम दूधवाल, गंगासहाय यादव, ईश्वर लाल यादव, मनमोहन सिंह फगेड़िया, रामनिवास गठाला, गिरधारी लाल रणवा, अमजद अली, कैप्टन मोहनलाल सुंडा ,शंकर लाल बिजारणिया, हरलाल सिंह मील, सांवरमल कुलहरि, सुगन चंद सेवदा, नवल सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे.
कार्यक्रम संयोजक पूरणमल सुंडा ने सभी का आभार व्यक्त किया. ग्राम कूदन में भी सरपंच रामप्यारी देवी सुंडा, बृजमोहन सुंडा, दयाराम महरिया के नेतृत्व में चौधरी कुंभाराम आर्य के आदम कद चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई. इस अवसर पर रामचंद्र सुंडा, पूरणमल सुंडा, भागीरथ मल सुंडा, रामदेव भास्कर, मोहनलाल सुंडा, जगदीश काजला, रामनिवास सुंडा, रिछपाल, मदनलाल सुंडा, दयाराम सुंडा सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित थे.