जनरल नॉलेज रटें नहीं समझे; बेहतर करना चाहते हो मेमोरी, तो इन गलतियों से बचें
जनरल नॉलेज हर एग्जाम्स के अपनी एक अहम भूमिका निभाता है, जीके याद करते समय इन गलतियों का खास ध्यान रखना जरूरी होता है।
जनरल नॉलेज की हर एग्जाम्स के लिए एक अहम भूमिका होती है, अगर आप भी कर तैयारी करते है, तो इन गलतियों का खास ध्यान जरूर रखें. फैक्ट्स एंड फिगर्स को रटने के बजाय समझ कर याद करें.
इसके लिए पहले एग्जाम में पूछे जाने वाले प्रश्नों के एरिया और पैटर्न को समझें. इसके लिए पिछले सालों के पेपर्स और एनालिसिस स्टडी किए जा सकते हैं. उसके बाद उन सारे टॉपिक्स को नोट करें जो इम्पॉर्टेन्ट हैं. टु-द-पॉइंट तैयारी ना करना गलत है. तैयारी हमेशा हर एग्जाम के अनुसार टु-द-पॉइंट करें. GK को आखिरी वक्त के लिए छोड़ना नहीं चाहिए.
यदि आप सही नोट्स बना पाते हैं, तो उससे पैदा कॉन्फिडेंस आपको चीजें बेहतर याद रखने में बहुत यूजफुल होगा. कई छात्र बढ़िया छपे हुए नोट्स या PDF से ही पढ़ाई करते रहते हैं, और उन्हें लगता है कि सब कुछ याद रहेगा, लेकिन अपने हाथों से, मेहनत कर के बनाए नोट्स का कोई मुकाबला नहीं होता.
एग्जाम कोई भी हो जनरल नॉलेज की तैयारी के लिए समय लगता है, इसलिए यदि अंत के लिए छोड़ दिया तो घबराहट होने लगेगी. आखिरी वक्त पर बढ़ा हुआ बर्डन आपका स्ट्रेस बढ़ाता है और तैयारी का शेड्यूल बिगड़ता है. ऐसा सोच कर कि जनरल नॉलेज की तैयारी अनंत है, उसे छोड़ दूसरे सेक्शंस की तैयारी करते रहना. प्रत्येक एग्जाम के जनरल नॉलेज सेक्शन का अपना फ्लेवर होता है. यदि उसके हिसाब से तैयारी की जाए तो कम मेहनत भी पर्याप्त रिजल्ट प्राप्त किया जा सकता है.
रोज न्यूज पेपर पढ़ने से आप करंट अफेयर्स से वाकिफ रहते हैं, जो एग्जाम के लिए महत्वपूर्ण है. डेली सही न्यूज पेपर ना पढ़ना, जनरल नॉलेज की तैयारी में सबसे बड़ी गलती है. न्यूज पेपर को पढ़कर उसमें से इम्पॉर्टेंट पॉइंट्स को नोट करें. बाद में एग्जाम के इन नोट्स को रिवाइज करें. और एक या दो पेपर फिक्स कर रखें, रोज-रोज पेपर नहीं बदलना है. अभ्यास करने से जड़मति भी बुद्धिमान हो सकता है. मॉक टेस्ट जरूर दें। इससे आपको फाइनल लेवल पर तैयारी करने में मदद मिलती है. सबसे रियलिस्टिक मॉक टेस्ट सीरीज जॉइन करें.
एक ग्रुप बनाइए दोस्तों का, ऑफलाइन या ऑनलाइन, और उसमें लगातार डिस्कशंस करते रहिए. कई दिमाग, एक दिमाग से बेहतर ही होते हैं. इस सब्जेक्ट का नेचर ऐसा है कि अकेले-अकेले पढ़ते रहने से न तो इसमें मजा आता है, न चीजें बेहतर याद रह पाती हैं.