जयपुर में एक 6 साल पुराना गैंगरेप केस सोमवार को फिर से सुर्खियों में आया, जिसमें राजधानी के एक पॉश इलाके में एक युवती सर्दी में फटे कपड़ों में पाई गई थी। युवती ने आरोप लगाया कि उसके साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया था। इस मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे सुलझाने के लिए 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया और 80 घंटे तक लगातार जांच की गई, जिसके बाद एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
2018 की सर्द सुबह: 10 जनवरी को पुलिस को मिली पहली कॉल
यह घटना जनवरी 2018 की है, जब कड़ाके की सर्दी के बीच 10 जनवरी को सुबह 5 बजे जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल आई। कॉल करने वाली लड़की ने रोते हुए बताया कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। पुलिस कंट्रोल रूम में ड्यूटी पर मौजूद अफसर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वायरलेस संदेश भेजा और पेट्रोलिंग टीम को मौके पर भेजा। सूचना के बाद पुलिस अधिकारियों ने लड़की को मालवीय नगर में एमएनआईटी के पास से ढूंढा, जहां वह ठंड से कांपते हुए फटे कपड़ों में मिली।
घटना की जानकारी: युवती का बयान और आरोपियों के बारे में जानकारी
लड़की ने पुलिस को बताया कि वह अलवर में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) का एग्जाम देने के बाद ट्रेन से जयपुर वापस आ रही थी। ट्रेन से उतरने के बाद, उसने एक ऑटो को जगतपुरा जाने के लिए रोका। ऑटो में पहले से तीन लड़के बैठे थे और वह उसे घुमाते हुए एक खाली ग्राउंड में ले गए, जहां चारों ने बारी-बारी से उसके साथ रेप किया। बाद में आरोपियों ने उसे मारने की नीयत से एक सफेद रंग का ड्रिंक भी पिलाया, जिससे उसे उल्टी हो गई। आरोपी युवकों ने उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो वे वीडियो क्लिप इंटरनेट पर डाल देंगे।
पुलिस की तफ्तीश और खोज: मामले में बड़े खुलासे
इसके बाद, पुलिस ने गंभीरता से मामले की जांच शुरू की। मामले में जांच के दौरान पुलिस को कई अहम सवालों का जवाब ढूंढना था, जैसे कि वह ऑटो चालक कौन था? गैंगरेप किस स्थान पर हुआ? और आरोपी संदीप और बृजेश के अलावा तीसरा शख्स कौन था?
80 घंटे की तफ्तीश और गिरफ्तारी
इस केस को सुलझाने के लिए जयपुर पुलिस ने कई टीमें बनाई, जिनमें जयपुर पश्चिम और जयपुर पूर्व के पुलिस अधिकारियों की टीमों का गठन किया गया। 80 घंटे की निरंतर जांच और तफ्तीश के बाद पुलिस ने आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया।