तंबाकू मुक्त राजस्थान के तहत जयपुर संभाग में शामिल सभी जिलों के विभाग अध्यक्षों की आज एक दिवसीय कार्यशाला शिक्षित रोजगार प्रबंधन समिति के सहयोग से इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान जयपुर में आयोजित की गई। जिसमें जयपुर संभाग की संभागीय आयुक्त रश्मि गुप्ता ने कहा कि “से नो टू टोबैको “अभियान के युवाओं के लिए विशेष जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोटपा कानून जो 2003 में लागु हुआ था उसे जागरूकता बढ़ी है और तंबाकू सेवन के प्रति लोगों की लत दूर हुई है। इस अवसर पर तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अधिकारी नरेंद्र सिंह ने प्रेजेंटेशन देखकर 60 दिवसीय कार्य योजना का विस्तार से बताया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सीकर से शामिल राजकमल जाखड़ ने बताया कि सरकारी संस्थानों विशेष रूप से विद्यालयों में 9 इंडिकेटर के साथ एक मूल्यांकन प्रपत्र दिया जिसके तहत विद्यालय में तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का बोर्ड, गैर तंबाकू क्षेत्र यहां धूम्रपान करना अपराध है और संस्था प्रधान को यह प्रमाण पत्र देना होगा की यह भवन तंबाकू मुक्त है। प्रत्येक कक्षा में एक मॉनिटर बनाया जाएगा जो तंबाकू सेवन करने वाले विद्यार्थियों की निगरानी अध्यापकों की सहायता से उनको इस लत से दूर करने का प्रयास करेगा। इससे पहले शिक्षा विभाग में 12 अगस्त को पूरे जिले में एक साथ विद्यार्थी अभिभावकों और कार्मिकों ने शपथ ले चुके है। इस कार्यक्रम में डॉक्टर संजय शर्मा जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सीकर जिला पूरे राजस्थान में ऐसा जिला है जिसने पहली बार तंबाकू बेचने के लिए लाइसेंस लेने की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि सीकर जिले ने दूसरी शुरुआत डेयरी बूथ पर तंबाकू उत्पाद नहीं बचने की गाइडलाइन जारी की है। जिसका पूरे राजस्थान में अनुसरण किया जा रहा है। इस अवसर पर सीकर जिले से शिव सिंह शेखावत ने भी भाग लिया। अंत में एसआरकेपीएस के निदेशक राजन चौधरी ने सभी का धन्यवाद देकर इस अभियान को पूरे सहयोग से चलाने का आह्वान किया।