जेईई एडवांस में सीएलसी का शानदार परिणाम, कामा तहसील के आदित्य कुशवाह ने JEE एडवांस में हासिल की ऑल इंडिया 2585 रैंक

नीट, जेईई, एनडीए तथा सीबीएसई एवं आरबीएसई स्कूलिंग के लिए देशभर में विख्यात संस्थान सीएलसी ने जेईई एडवांस में शानदार रिजल्ट देते हुए श्रेष्ठ परिणामों को श्रृंखला को बरकरार रखा है

नीट, जेईई, एनडीए तथा सीबीएसई एवं आरबीएसई स्कूलिंग के लिए देशभर में विख्यात संस्थान सीएलसी ने जेईई एडवांस में शानदार रिजल्ट देते हुए श्रेष्ठ परिणामों को श्रृंखला को बरकरार रखा है। परिणाम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सीएलसी सीईओ साहिल चौधरी ने बताया कि सीएलसी के आदित्य कुशवाह ने ऑल इंडिया 2585, रामदेव ने ऑल इंडिया 2667, हिमांशु ने ऑल इंडिया 2772 रैंक हासिल करते हुए नाम रोशन किया है। इनके साथ ही लोकेंद्र सिंह, दीया सिंवर, गौतम गुप्ता, नितिन, गोपा राम, राजीव सिंह, आशुतोष चौधरी, सौरभ, सोमिया बंसल तथा दिनेश कुमार ने शानदार रिजल्ट देते हुए सीएलसी की श्रेष्ठता साबित की है। सीएलसी सीओओ समर चौधरी ने बताया की संदीप ने अपनी श्रेणी में ऑल इंडिया 91, देवराज ने 127, गोविंद ने 482, गौतम गुप्ता ने 529, राजीव सिंह ने 850, मोनित ने 991, दिनेश शेखावत ने 1241,नितिन ने 1263, कुमकुम ने 1444, गोपा राम 1562,कल्पना ने 1693, मनजीत ने 1826, ललित अग्रवाल ने 1909, आशुतोष ने 1976 तथा सौरभ लोदी ने 1991 रैंक हासिल की है। शानदार परिणाम के अवसर पर संस्था में खुशी का माहौल रहा और सभी ने मिठाई तथा आतिशबाजी के साथ सफल छात्रों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। वही भरतपुर जिले की कामा तहसील के छोटे से गाँव दादेड़ा से निकलकर आदित्य कुशवाह ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है। प्रतिष्ठित जेईई एडवांस परीक्षा 2025 में ऑल इंडिया 2585वीं रैंक हासिल कर आदित्य ने अपने गाँव, परिवार और सीएलसी का नाम रोशन किया है। आदित्य एक किसान परिवार से आते हैं। उनके पिता श्री जगवीर कुशवाह खेती करते हैं और माता श्रीमती भारती एक गृहिणी हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद आदित्य की मेहनत और लगन ने इस सफलता को संभव बनाया। आदित्य ने बताया कि उन्होंने सीकर में सीएलसी संस्थान के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की और वहां की अनुशासित दिनचर्या, अनुभवी शिक्षक टीम और अपडेटेड स्टडी मटेरियल ने उन्हें लक्ष्य तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आदित्य ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और सीएलसी की शिक्षक टीम को देते हुए कहा, “सीएलसी में मुझे सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, आत्मविश्वास और लक्ष्य के प्रति समर्पण भी सिखाया गया।” भविष्य को लेकर आदित्य का सपना केवल आईआईटी तक सीमित नहीं है। वे आगे चलकर सिविल सर्विस में जाकर देश सेवा करना चाहते हैं। आदित्य जैसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की सफलता यह दर्शाती है कि समर्पण, सही मार्गदर्शन और मजबूत इच्छाशक्ति के साथ किसी भी मुकाम को पाया जा सकता है।

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