जोधपुर में किडनी ट्रांसप्लांट का अनोखा मामला, बिना कट लगाए किया गया ऑपरेशन….

पहली बार महिला डोनर के प्राइवेट पार्ट से निकाली गई किडनी, बेटे को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट

जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में किडनी ट्रांसप्लांट का एक दुर्लभ और अनोखा ऑपरेशन किया गया है, जिसमें पहली बार महिला डोनर के पेट पर कट लगाए बिना उसके प्राइवेट पार्ट से किडनी निकालकर उसके बेटे को ट्रांसप्लांट की गई। दावा किया जा रहा है कि यह प्रदेश में इस तरह का पहला ऑपरेशन है।

32 वर्षीय युवक, जो उदयपुर का निवासी है, को हाइपरटेंशन के चलते किडनी खराब होने की शिकायत थी। उसे 23 सितंबर को जोधपुर एम्स में भर्ती कराया गया। सभी जांचों के बाद परिजनों की सहमति से 25 सितंबर को ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन सफल रहा, और ट्रांसप्लांट की गई किडनी अच्छे से काम कर रही है। मां और बेटे दोनों स्वस्थ हैं।

एम्स जोधपुर में सफल किडनी ट्रांसप्लांट्स की संख्या 52 एम्स यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. एएस संधू ने बताया कि इस तरह का ट्रांसप्लांट प्रदेश में पहला है। एम्स में अब तक 52 सफल किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं, जिनमें 48 मरीजों के परिवार के सदस्यों ने किडनी डोनेट की है। 4 मरीजों को कैडवर किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। आयुष्मान योजना के तहत एम्स में ट्रांसप्लांट निशुल्क किया जा रहा है।

ऑपरेशन टीम की उपलब्धि ऑपरेशन टीम में डॉ. एएस संधू, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. गौतमराम चौधरी, डॉ. शिवचरण नावरिया, डॉ. दीपक भीरुड, प्रवीण और अतुल शामिल थे। नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. मनीष चतुर्वेदी, डॉ. राजेश जोरावट, और एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. प्रदीप भाटिया व डॉ. अंकुर शर्मा ने भी इस प्रक्रिया में सहयोग किया।

महिला डोनर को ऑपरेशन के 2 दिन बाद ही डिस्चार्ज कर दिया गया, जो इस नई तकनीक की सफलता को दर्शाता है।

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