टीचर ने बनवाया माता-पिता का मंदिर: सीकर विधायक राजेंद्र पारीक ने प्रवेश द्वार का किया शुभारंभ
सीकर निवासी टीचर शंकर लाल बगड़िया ने अपने माता – पिता की याद में मंदिर बनवाया है. इतना ही नही माता-पिता के नाम से एक म्यूजियम भी बनाया है. वहीं गांव में माता-पिता की याद में एक प्रवेश द्वार भी बनाया है. जिसका शुभारंभ सीकर विधायक राजेंद्र पारीक ने किया. शंकर बगडिय़ा का कहना है कि मां के संस्कार और पिता के आदर्श और अनुशासन की राहों से और भी लोगों को प्रेरणा मिल सके,
इसलिए उन्होंने यह मंदिर तैयार कराया. बगडिय़ा ने बताया कि पिता लक्ष्मणराम ने सेना में लंबे समय तक सेवाएं दी. युवाओं को वह हमेशा देश सेवा के लिए प्रेरित करते थे. मां कस्तुरी देवी ने संस्कारों की सीख दी. मंदिर के म्यूजियम में उनके जीवनभर काम में लेनी वाली वस्तुओं को रखा गया है.
मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय आयोजन का रविवार को समापन हुआ. मंदिर में रोजाना सुबह-शाम आरती होती है. माता-पिता की मूर्तियां अलवर जिले के एक कारीगर ने तैयार की है. गांव के लोगों ने बताया कि पहले बुर्जुगों की याद में छतरी बनाने की परम्परा थी. इस तरह मंदिर की पहल पहली बार हुई है. मंदिर अलवर के कारीगरों ने तैयार की है.
पं. दिलिप शर्मा व पवन महर्षि ने बताया कि सीकर जिले में माता-पिता की याद में पहली बार किसी ने सीकर ऐसा मंदिर बनाया है. वर्तमान समय में जहां बुजुर्गों को जीते हुए ही बुजुर्ग आश्रम में जाना पड़ता है. ऐसे में इस पहले में लोग मोटिवेट होंगे. मंदिर के प्रवेश द्वार के शुभारंभ कार्यक्रम में सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक, भाजपा नेता पवन जोशी, पूर्व विधायक धोद गोरधन वर्मा, अलखपुरा सरपंच हरिराम सेवदा, सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी हरलाल गढ़वाल आदि मौजूद रहे.