दमकलकर्मी बना दिए गए बाबू, फायर स्टाफ की भारी किल्लत में झुलस रहा शहर…

70 से ज्यादा आग की घटनाओं में स्टाफ की कमी पड़ी भारी, फायरमैन ऑफिसों में कर रहे कागजी काम

सीकर शहर में बीते तीन महीनों में 70 से अधिक बार आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लेकिन हर बार आग बुझाने के दौरान दमकल विभाग को स्टाफ की भारी कमी का सामना करना पड़ा। पड़ताल में खुलासा हुआ है कि नगर परिषद में तैनात 18 फायरमैन आग बुझाने की बजाय ऑफिस में बाबूगिरी कर रहे हैं।

फायर ऑफिस सूत्रों के मुताबिक नगर परिषद आयुक्त को आठ बार पत्र लिखकर इन कर्मचारियों को उनके मूल काम पर लौटाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 14 महिला और 4 पुरुष फायरमैन वर्षों से नगर परिषद के अलग-अलग विभागों में तैनात हैं।

नियमों के मुताबिक हर फायर ब्रिगेड गाड़ी पर चार फायरमैन की ड्यूटी होनी चाहिए, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते एक गाड़ी में ड्राइवर के साथ सिर्फ एक फायरमैन ही भेजा जा रहा है। यही वजह है कि समय पर आग पर काबू नहीं पाया जा रहा और लाखों की संपत्ति जलकर राख हो चुकी है।

पता चला है कि फायरमैनों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, पट्टे, टैक्स और अतिक्रमण जैसे विभागीय कार्यों में लगा दिया गया है। कई तो निर्माण शाखा, राजस्व शाखा और यहां तक कि विधि शाखा तक में काम कर रहे हैं।

सीकर में कुल 24 फायरमैन के पद स्वीकृत हैं, जबकि 4 अतिरिक्त कर्मचारी लगे हुए हैं। लेकिन वर्तमान में फायर स्टेशन पर सिर्फ 10 लोग तैनात हैं, बाकी नगर परिषद के दफ्तरों में भेज दिए गए हैं।

फायर ऑफिसर ने बताया कि उन्हें जॉइन किए तीन महीने हुए हैं, और गर्मी के इस मौसम में हर रोज कहीं न कहीं आग लगने की सूचना मिल रही है। पर्याप्त फायरमैन नहीं होने से राहत कार्यों में देरी हो रही है। नगर परिषद को पत्र भेजकर कम से कम चार कर्मियों की मांग की गई है, पर अब तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला है।