राजस्थान में इस बार दिवाली पर पटाखों से जलने के मामलों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। जयपुर में 200 से अधिक लोग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। इनमें से 150 से अधिक लोग एसएमएस अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे, जहां 15 से ज्यादा ऑपरेशन किए गए। इस वर्ष एक बच्ची की आंख की रोशनी चली गई, और एक महिला को आंख निकालनी पड़ी।
राजकुमार नामक एक 10 साल के बच्चे की आंख में पटाखे की चिंगारी लगने से ऑपरेशन करना पड़ा, जिससे उसकी एक आंख की रोशनी चली गई। दूसरी ओर, आरुषि नामक 9 साल की बच्ची भी इसी तरह के हादसे का शिकार हुई, जब जलता हुआ पटाखा उसकी आंख में जा घुसा।
इस साल दिवाली के दिन हुए पटाखों से जलने के मामलों ने यह साबित कर दिया कि सुरक्षा के लिहाज से अभी भी कई चुनौतियां हैं। परिवारवालों ने बताया कि दिवाली की सारी खुशी एक झटके में खत्म हो गई, और वे बच्चों को लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भागते रहे।