श्रीलंका (Sri Lanka) सरकार ने देश में लागू इमरजेंसी शनिवार को हटा ली है. श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट के बीच सरकार विरोधी प्रदर्शन को देखते हुए दो हफ्ते पहले इमरजेंसी लगाई गई थी. बता दें कि श्रीलंका में हाल ही में प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे समेत कई नेताओं के घर में आग लगा दी थी. इसके बाद वहां नई सरकार का गठन किया गया. सरकार ने कानून-व्यवस्था में सुधार के मद्देनजर इमरजेंसी नियमन को संसद में पेश नहीं करने का फैसला किया. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक महीने के अंदर दूसरी बार छह मई की मध्यरात्रि को इमरजेंसी लागू की गई थी. ‘हिरु न्यूज’ की खबर के अनुसार राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा है कि शुक्रवार मध्यरात्रि से इमरजेंसी हटा ली गई है. इमरजेंसी को लागू करना या बनाए रखना संसद पर निर्भर है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचना के 14 दिनों के भीतर सदन में प्रस्तुत किया जाना चाहिए. हालांकि सरकार ने संसद में आपातकाल नियमन को प्रस्तुत नहीं करने का फैसला किया. गौरलतब है कि इमरजेंसी के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने की असीमित शक्ति मिल जाती है. श्रीलंका में सरकार समर्थक और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं. श्रीलंका साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. विदेशी मुद्रा की कमी के कारण यह संकट पैदा हुआ है जिसके कारण देश आयातित अनाज और ईंधन के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा. इससे जरूरी सामानों की घोर किल्लत हो गई है और कीमतें बहुत बढ़ गई हैं.