बहरोड़ इलाके के युवा किसानों ने गाजर की खेती को न केवल एक पेशेवर बिजनेस बना लिया है, बल्कि वे इसके जरिए भारी मुनाफा भी कमा रहे हैं। अगस्त-सितंबर में गाजर की बुवाई कर ये किसान सीजन के दौरान दिल्ली जैसे बड़े बाजारों में अपने उत्पाद बेचकर प्रति बीघा 50 हजार से एक लाख रुपए तक की अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं।
गाजर की उगाई जाती है बड़ी मात्रा में
बहरोड़ के जैनपुर बास, पहाड़ी, कांकरा, मोहम्मदपुर-मलपुरा गांवों में किसान हजारों बीघा में गाजर की खेती कर रहे हैं। इस क्षेत्र की मिट्टी उपजाऊ और गाजर के लिए आदर्श मानी जाती है, जो इसे अन्य जगहों से अलग और स्वाद में मीठा बनाती है।
मशीनों से बढ़ी उत्पादन क्षमता और सफाई
पहले जहां गाजर की धुलाई हाथों से होती थी, अब एक विशेष मशीन के जरिए यह काम तेज़ी से होता है, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर होती है। 20 से 25 रुपए प्रति किलो के भाव पर गाजर की बिक्री हो रही है, और शादियों के सीजन में इसकी डिमांड बढ़ जाती है।