हरियाणा के भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई की बिश्नोई समाज पर पकड़ अब कमजोर होती दिख रही है। मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद ने अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। एक वीडियो में स्वामी रामानंद ने स्पष्ट किया कि उन्हें यह पद नहीं चाहिए और कुलदीप ने इस बारे में उनसे चर्चा भी नहीं की। इससे पहले कुलदीप ने परसराम बिश्नोई को महासभा का अध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन उन्होंने भी पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
स्वामी रामानंद के इस कदम को समाज के भीतर कुलदीप की घटती लोकप्रियता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। 7 दिसंबर को जारी किए गए लेटर में कुलदीप ने स्वामी रामानंद को संरक्षक मनोनीत करते हुए इसे समाज के लिए गर्व का क्षण बताया था। हालांकि, संरक्षक पद के ठुकराए जाने से कुलदीप की बनाई 29 सदस्यीय समिति की वैधता और नेतृत्व पर सवाल खड़े हो गए हैं। समाज के मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया का प्रभाव अब अधिक मजबूत होता नजर आ रहा है, जबकि कुलदीप का वर्चस्व लगातार घट रहा है।