बेनतीजा रही बदराना जोहड़ संघर्ष समिति और प्रशासन की वार्ता, जानिए क्या हुई बात

झुंझुनूं के नवलगढ़ में बदराना जोहड़ को लेकर हो रहा आंदोलन अब प्रशासन के लिए गले की फांस बन चुका है. लगातार विरोध के बावजूद प्रशासन इसमें कोई भी कार्रवाई पाने में खुद को कमजोर साबित करा रहा है. यह सच है, क्योंकि करीब तीन घंटे तक संघर्ष स​मिति और प्रशासन के बीच वार्ता चली, जो बेनतीजा रही.

झुंझुनूं के नवलगढ़ में बदराना जोहड़ को लेकर हो रहा आंदोलन अब प्रशासन के लिए गले की फांस बन चुका है. लगातार विरोध के बावजूद प्रशासन इसमें कोई भी कार्रवाई पाने में खुद को कमजोर साबित करा रहा है. यह सच है, क्योंकि करीब तीन घंटे तक संघर्ष स​मिति और प्रशासन के बीच वार्ता चली, जो बेनतीजा रही. समिति की तीन मांगों को लेकर प्रशासन के पास कोई संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं मिला. जिसके बाद हारकर आखिकार एसडीएम सुमन सोनल को यही कहना पड़ा कि वे जोहड़ में बन रही सड़क का निर्माण नहीं रूकवा सकती. यदि कोई समक्ष न्यायालय का आदेश समिति के पास है तो दिखाओ, वरना चले जाओ. जिसके बाद समिति ने एसडीएम के इस तरह के व्यवहार की निंदा की है.  इससे पहले कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी के कहने पर उपखंड प्रशासन व संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं के बीच वार्ता शुरू हुई. वार्ता में उपखंड अधिकारी के अलावा नगर पालिका ईओ अनिल कुमार, तहसीलदार ज्वालासहाय मीणा व सार्वजनिक निर्माण विभाग खंड नवलगढ़ के अधिशाषी अभियंता बहादुर सिंह भी शामिल हुए. वार्ता के दौरान संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा बदराणा जोहड़ में मिट्टी भराव व पहले से मौजूद रास्ते को छोड़कर अलग रास्ते से नियम विरूद्ध बन रही सड़क का निर्माण कार्य रोकने की मांग की तो सभी अधिकारियों ने अपने-अपने तरीके से जवाब देने की कोशिश की. बीच में कई बार समिति के कार्यकर्ताओं व अधिकारियों के बीच तीखी बहस भी हुई.  करीब दो घंटे से अधिक समय गुजर जाने के बाद एसडीएम ने सकारात्मक रूप दिखाते हुए 15 मिनट के लिए समिति के कार्यकर्ताओं को यह कह कर बाहर भेज दिया कि वह ईओ, तहसीलदार व पीडब्ल्यूडी एक्सईएन से एकांत में बातचीत करके अपना निर्णय बताएंगी. इसके बाद वार्ता का दूसरा दौर शुरू हुआ, लेकिन काफी देर तक आपसी वार्तालाप के बाद एसडीएम ने समिति के कार्यकर्ताओं को यह कहकर बाहर भेज दिया कि सड़क निर्माण रूकवाना उनके क्षेत्राधिकार में नहीं है. आप लोगों के पास किसी सक्षम अधिकारी या न्यायालय के आदेश हैं तो दिखाओ अन्यथा वार्ता समाप्त करके जाओ. इसके बाद समिति के कार्यकर्ता बाहर आ गए और वापस धरने पर बैठकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. वार्ता में समिति के प्रताप पूनियां, डॉ. सुमन कुलहरि, जयंती बील, हितेश थोरी, मोहन चूड़ीवाल, फूलचंद सैनी, मनोज सोनी, सुनील सामरा, पूर्व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर जयराम खीचड़, जुबेर खोखर, ललित कुमावत, हरिसिंह सोलंकी, कृष्णगोपाल जोशी, श्रीचंद डूडी आदि मौजूद रहे. एसडीएम कार्यालय में चल रही वार्ता के दौरान बदराणा जोहड़ बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने जोहड़ में बन रही सड़क के रूट को गलत व नियम विरूद्ध बताकर रूकवाने की मांग तथा नगर पालिका के प्रस्ताव व सड़के के एस्टीमेट के अनुरूप पहले से मौजूद ग्रेवल सड़क पर से सड़क बनाने की मांग बार-बार उपखंड अधिकारी के सामने रखी. साथ ही सड़क के नए रूट में आए खेजड़ी के बड़े-बड़े पेड़ काटने पर भी कड़ी आपत्ति जताई और सरकार के संपर्क पोर्टल पर की गई शिकायत के जवाब में नवलगढ़ नगर पालिका द्वारा दिए गए जवाब की प्रति पेश की. जवाब में नगर पालिका द्वारा बदराणा जोहड़ में सड़क नहीं बनाई जा रही यह लिखा हुआ था. इस पर एसडीएम ने जवाब मांगा तो ईओ ने कहा कि सड़क बनाने वाली एजेंसी पीडब्ल्यूडी है. फिर भी सोमवार को नगर पालिका बोर्ड की बैठक आयोजित कर सड़क के नए रूट का अनुमोदन कर दिया जाएगा.