श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ पर विराजित परमहंस 108 संत रामप्रसाद महाराज ने बताया कि सत्संग के समान कोई मित्र नहीं और कुसंग के समान कोई शत्रु नहीं. सत्संग में जाये बिना कुछ उन्नति नहीं होती है इसके विपरीत कुसंग में बैठने से बिना कुछ किए पतन होता है. यह उद्गार सीकर के बद्री विहार में आयोजित भागवत कथा में संत डा. राम प्रसाद जी महाराज ने व्यक्त किए. बुधवार को कथा प्रसंग में प्रथु चरित्र, भरत उपाख्यान एवं भावाटवी का वर्णन किया गया. नर्कों का वर्णन सुनाते हुए संत ने कहा कि व्यक्ति जैसे कर्म करता है वैसे ही उसको किए कर्म का फल भोगना पड़ता है. भागवत कथा के आयोजक राम अवतार अग्रवाल एवं गणेश अग्रवाल ने बताया की गुरूवार को कथा में कृष्ण जन्मोत्स्व मनाया जाएगा. भागवत कथा मे परम गो भक्तों संत खेम दास जी महाराज, खोलिया, पवन मोदी, डॉक्टर बी एल खंडेलवाल, सीए डी डी शर्मा व्यवसायी, मनोज शर्मा, शिवकुमार अग्रवाल प्रकाश सराफ, प्रमोद चौधरी, नवरंग अग्रवाल कोकिल अग्रवाल, तुलसी अग्रवाल, अलका शर्मा, सुनीता अग्रवाल, बबीता अग्रवाल, कविता अग्रवाल, जयपुर से संतोष मनियार (पन्ना एवं जवाहरात व्यवसायी) निशा मोर सूरत, पद्मिनी राठौड़ सहित भारी संख्या में श्रद्धालु व पुरूषों ने कथा सूनी. कथा में भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर हो गए.