अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्री श्रीजी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म और संस्कृति के कारण ही विश्व में भारत की अलग महिमा है। भारत की धरती पर स्वयं भगवान अवतार लेते हैं, इसे हिंदू राष्ट्र बनाने की मनोकामना रखने वालों की इच्छा जरूर पूर्ण होगी। भारत की संस्कृति वासुदेव कुटुंबकम की है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व को बंधुत्व का संदेश देता है।
श्रीजी महाराज श्री गोपीनाथ सेवा सदन गोविंदम में बियाणी परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत रसवर्षण के चौथे दिन ध्रुव चरित्र का उपस्थित श्रद्धालुओं को रसपान करा रहे थे । उन्होंने कहा कि ध्रुव के समान कठोर लक्ष्य रखने से ही भगवत प्राप्ति होती है । संत महात्माओं का सानिध्य मिलने से व्यक्ति का जीवन श्रेष्ठ हो जाता है । जीवन पर्यंत कथाएं सुनने से भगवत चिंतन का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रीजी महाराज ने कहा कि जीवन में कितनी भी भौतिक संपदा प्राप्त कर लो, कितना भी ज्ञान प्राप्त कर लो यदि मन में भगवत चिंतन नहीं होगा तो सब कुछ बेकार है। श्रीजी महाराज का कहना है कि विपदा और संकट के समय में ही हमें भगवान का स्मरण याद आता है । उन्होंने कहा कि निरंतर भगवान का चिंतन करने के साथ अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयास करना चाहिए, क्योंकि यदि सृष्टि रचने वाला जब रंक को राजा बन सकता है और राजा को रंक बना सकता है, तो हम और आपके लक्ष्य को भी प्राप्त करवा सकता है।
उन्होंने कहा कि द्रोपती जब संकट में थी तो उन्होंने सब कुछ छोड़कर भगवान का आश्रय लिया और उन्होंने उनकी रक्षा भी की । इसी प्रकार यदि हम सब कुछ छोड़कर भागवत आश्रय लेंगे तो ईश्वर हमारी जरूर रक्षा करेगा। इसके लिए जीवन में सद्गुरु का होना भी जरूरी है, क्योंकि देव ऋषि नारद के बिना ध्रुव भी भगवत प्राप्ति नहीं कर सकते थे । श्रीजी महाराज ने कहा कि मानव जीवन में भजन एवं नाम कीर्तन अति आवश्यक है । आप भजन किस प्रकार कर रहे हो, यह कभी महत्व नहीं रखता, महत्व इस बात का रहता है कि आप भजन और नाम कीर्तन किस भाव से कर रहे हो । यदि हम सच्चे भाव से भगवत चिंतन करेंगे तो हमारा हर लक्ष्य पूरा होगा । उन्होंने कहा कि भावी पीढी को संस्कार वान बनाने के लिए संत महात्माओं का सानिध्य जरूरी है ।बुद्धि की शुद्धता और मन की स्वच्छता के लिए संत महात्माओं और भक्ति भाव ही प्रशस्त मार्ग है। श्रीमद् भागवत कथा रसवर्षण के दौरान आज कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान भगवान कृष्ण की आकर्षक झांकी सजाई गई और आलकी पालकी जय कन्हैया लाल की के संगीत मय गायन से पूरा कथा हाल गुंजायमान हो गया। इस अवसर पर टॉफी पंजीरी माखन आदि का प्रसाद भी वितरित किया गया।
इससे पूर्व श्रीमद् भागवत रसवर्षण के आयोजक दिनेश बियाणी सहित अनेक संत महात्माओं और प्रबुद्ध जनों ने व्यास पीठ पर श्रीमद् भागवत कथा की पूजा अर्चना कर श्रीजी महाराज का स्वागत किया। इस अवसर पर आज दिनेश बियाणी के सुपुत्र हर्ष और ईशा ने सगाई समारोह के बाद श्रीजी महाराज से आशीर्वाद भी प्राप्त किया । इस मौके पर अवधेशाचार्य जी महाराज, जुगल शरण जी महाराज, शत्रुघ्न दास जी महाराज, माधव दास जी, दयाल दास जी, धर्मी राम जी, चंद्रमा दास जी, मधुसूदनाचार्य जी, लक्ष्मणाचार्य जी महाराज का सानिध्य रहा आज की श्रीमद् भागवत कथा के दौरान विशेष रूप से शहर विधायक राजेंद्र पारीक, पूर्व विधायक राजकुमारी शर्मा , समाजसेवी घनश्याम खंडेलवाल , ओम जी प्रधान, कांति जी मोर, ओम प्रकाश गाड़ोदिया, नथमल डीडवानिया, द्वारका प्रसाद पारीक, महेश होलानी, सुनील मोर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे !