भिवाड़ी में प्रदूषण की गंभीर स्थिति, AQI 458 के पार
सीएनसीपी ने GRAP की चौथी स्टेज लागू की, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव शुरू
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में स्थित राजस्थान का भिवाड़ी शहर इस समय गंभीर प्रदूषण से जूझ रहा है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 458 के पार पहुंच चुका है, जो एक खतरनाक स्तर को दर्शाता है। इसके मद्देनजर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) की चौथी स्टेज को लागू कर दिया है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शहर में धूल नियंत्रण के उपाय के तहत पानी का छिड़काव और स्मॉग गन का उपयोग शुरू कर दिया गया है।
इस प्रदूषण के कारण भिवाड़ी में पूरे दिन धुंध छाई रही, जिससे विजिबिलिटी घट गई और लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। प्रदूषण को देखते हुए जिला कलेक्टर किशोर कुमार ने अधिकारियों की बैठक बुलाई और सीपीसीबी के निर्देशों के पालन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए। साथ ही, शहर में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है।
जलवायु और प्रदूषण नियंत्रण की चुनौती
शहर में प्रदूषण के बढ़ने में मौसम का भी बड़ा असर बताया गया है। प्रदूषण के नियंत्रण के लिए हर रोज 1 लाख लीटर पानी का छिड़काव किया जा रहा है, जिसमें तीन फायर ब्रिगेड गाड़ियां और दो टैंकर लगे हुए हैं। इसके साथ ही, भिवाड़ी जिला अस्पताल में आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और अन्य एलर्जी मामलों में 20% की बढ़ोतरी देखी गई है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों में।
झुंझुनूं में भी AQI ने दी चिंता की घंटी
इसके अलावा, झुंझुनूं में भी AQI का स्तर 432 तक पहुंच गया, जो सामान्य स्तर से कई गुना अधिक है। यहां भी प्रदूषण के कारण सांस संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं। झुंझुनूं कलेक्टर ने अस्थमा और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है, साथ ही नगर परिषद को कचरा जलाने पर कड़ी पाबंदी लगाने और सफाई कार्य को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।
AQI और GRAP की भूमिका
AQI का स्तर बढ़ने पर सरकार द्वारा ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया जाता है, जिसमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए जाते हैं। इस योजना के तहत यदि AQI 400 से ऊपर जाता है, तो पाबंदियां लगाई जाती हैं, और हवा की गुणवत्ता सुधारने के उपाय शुरू किए जाते हैं।