शिक्षा अनुदेशक भर्ती: 11 साल से भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी, जल्द ही शुरू होगी 6843 पदों पर भर्ती प्रक्रिया: चोपदार
Rajasthan: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में मदरसों मे शिक्षा अनुदेशकों के 6843 पदों पर भर्ती की घोषण की थी. जो कि इस भर्ती का आयोजन 11 साल बाद किया जा रहा है. मदरसा बोर्ड चेयरमैन ने जानकारी देते हुए कहा जल्द ही इस भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
Education Instructor Recruitment in Madrasas: मदरसों में शिक्षा अनुदेशक बनने का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए यह बड़ी और अच्छी खबर है. 11 सालों के बाद मदरसों में शिक्षा अनुदेशकों के पद पर अगले माह भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. झुंझुनूं के चार दिन के दौरे पर आए मदरसा बोर्ड चेयरमैन एमडी चोपदार ने यह जानकारी दी है.
एमडी चोपदार ने बताया कि उन्होंने कार्यभार संभालते ही जब प्रदेश के मदरसों की समीक्षा की तो उन्होंने पाया कि मदरसा पैराटीचर्स को काफी कम मानदेय मिलता था. साथ ही आधे के करीब पद खाली थे. उन्होंने इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से निवेदन किया था. जिसके बाद गत दिनों मदरसा पैराटीचर्स का नाम बदलकर ना केवल शिक्षा अनुदेशक कर दिया गया, बल्कि मानदेय में भी बढोतरी की गई है. अब मदरसों के रिक्त पदों को भरने के लिए 11 साल बाद भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
चोपदार ने बताया कि मुख्यमंत्री से उन्होंने निवेदन किया था. जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने बजट में इसके लिए घोषणा की और अब मदरसा बोर्ड ने इसकी प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. 6843 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया यथासंभव अगले महीने तक शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि यह भर्ती करीब 11 साल बाद हो रही है. जिसके चलते युवाओं को रोजगार मिलेगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश के मदरसों में कुल 12 हजार 499 पद सृजित है. जिनमें से फिलहाल 6843 पद रिक्त है. केवल 5 हजार 656 पद ही भरे हुए है. लेकिन इस भर्ती के बाद सभी पद भरे जाएंगे.
झुंझुनूं में एमडी चोपदार ने बताया कि इसके अलावा प्रदेश में फिलहाल 4000 के करीब मदरसे ही बोर्ड से पंजीकृत है. हमने जिला अल्पसंख्यक अधिकारियों के जरिए ऑनलाइन और ऑफलाइन अभियान चलाया हुआ है. हम चाहते है कि प्रदेश का एक-एक मदरसा, मदरसे बोर्ड से पंजीकृत हो जाए. ताकि मदरसों के बच्चों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले और इन वंचित मदरसों के विकास के लिए भी सरकार प्लान तैयार कर सके. उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में अभी भी सात से आठ हजार मदरसे बिना पंजीयन के चल रहे है.
शेखसर में 15 लाख रूपए से होंगे काम
झुंझुनूं दौरे के दौरान मदरसा बोर्ड चेयरमैन एमडी चोपदार शेखसर गांव भी पहुंचे. जहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री आधुनिकीरण योजना के तहत राजस्थान मदरसा बोर्ड द्वारा मुस्लिम मदरसा शेखसर में 15 लाख रुपए की लागत से बनने वाले कमरों का शिलान्यास किया. इस मौके पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अनीश अहमद भी साथ थे. इस मौके पर चोपदार ने कार्यक्रम को संबोधित किया एवं ग्रामीणों को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से अवगत करवाया. साथ ही शेखसर मदरसा को राजस्थान मदरसा बोर्ड द्वारा हर संभव मदद उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.