राजस्थान के रणथम्भौर और गुजरात के कच्छ में पाए जाने वाला दुर्लभ जंगली प्राणी कैरेकल (सियागोश) की संख्या बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। हालांकि, वन विभाग द्वारा इस प्रजाति के संरक्षण के लिए भेजे गए प्रस्ताव अभी तक बिना मंजूरी के लटके हुए हैं। रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में लगभग 35 सियागोश पाए गए हैं, और इन्हें संरक्षित करने के लिए एक ब्रीडिंग सेंटर की योजना बनाई गई थी, लेकिन उच्चाधिकारियों से अनुमति नहीं मिलने के कारण काम रुका हुआ है।
कैरेकल का शिकार करने का तरीका और बढ़ती चिंता
कैरेकल, या सियागोश, अपनी लंबी काली कलाबाजी और ऊंची छलांग के साथ पक्षियों का शिकार करने की अपनी अद्वितीय क्षमता के लिए जाना जाता है। यह प्रजाति दुनिया भर में 60 देशों में पाई जाती है, लेकिन भारत में यह केवल राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के कुछ इलाकों में ही देखी जाती है। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि कैरेकल की संख्या में गिरावट और इसके संरक्षण की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए ब्रीडिंग सेंटर की मंजूरी जल्दी मिलनी चाहिए।