राइट टू हेल्थ विधेयक के विरोध में आक्रोश रैली: चिकित्सकों ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री की नाम दिया ज्ञापन
सीकर में राइट टू हेल्थ विधेयक का डॉक्टरों ने विरोध जताया. चिकित्सों ने शहर के प्रमुख मार्गो से आक्रोश रैली निकालकर कलेक्ट्रट पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान बिल में संसोधन को लेकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. संसोधन नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी.
राइट टू हेल्थ विधेयक के विरोध में गुरुवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों ने आक्रोश रैली निकाली. रैली सीकर के एसके हॉस्पिटल के सामने जिला क्लब से शुरू होकर श्रमदान मार्ग होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची. राज्य सरकार के खिलाफ डॉक्टरों ने नारेबाजी कर कलेक्टर डॉ. अमित यादव को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन देकर बिल में संशोधन की मांग की है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की सीकर यूनिट के प्रेसिडेंट रामदेव चौधरी ने बताया कि सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर के लिए यह विधेयक फांसी के फंदे की तरह है. इसे चुनाव के ठीक पहले सरकार ने डॉक्टर्स और आम जनता के बीच विवाद पैदा करने के लिए बनाया है ताकि सरकार को आम जनता का सपोर्ट मिल सकें.
डॉक्टर्स ने बताया कि यदि समय रहते सरकार संशोधन नहीं करती है तो आगामी समय में मजबूरन डॉक्टरों को बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा. इस विधेयक में राज्य स्तरीय प्राधिकरण और जिला स्तरीय प्राधिकरण के सदस्य के रूप में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और हॉस्पिटल अधीक्षक को सम्मिलित नहीं किया गया है. यह दोनों चिकित्सा क्षेत्र में सर्वाधिक विशेषज्ञता लिए हुए होते हैं.
इस विधेयक को पारित करने से पहले डॉक्टर्स के किसी भी संगठन से कोई सुझाव नहीं लिया गया. राइट टू हेल्थ विधेयक के तहत इमरजेंसी के समय प्राइवेट डॉक्टर्स को बिना किसी एडवांस पेमेंट के पेशेंट का इलाज करने के लिए निर्देशित किया गया है लेकिन इसका खर्च राज्य सरकार या अन्य कोई संस्था करेगी इसका कोई उल्लेख ही नहीं है.