राजस्थान सरकार द्वारा 9 जिलों और 3 संभागों को रद्द करने के बाद निवेशकों के मनोबल पर असर पड़ा है। हाल ही में इन जिलों में निवेश समिट्स में कई एमओयू साइन किए गए थे, लेकिन अब निवेशकों का कहना है कि वे अपने निवेश योजनाओं पर पुनर्विचार करेंगे। नीमकाथाना और अनूपगढ़ जैसे जिलों में जो निवेशकों ने उद्योग लगाने की योजना बनाई थी, अब वे संशय में हैं, क्योंकि अब उन्हें प्रशासनिक सुविधाएं उन जिलों में नहीं मिलेंगी।
निवेशकों का मानना है कि जिलों के रद्द होने से उनके व्यवसायों की योजना में बड़ा बदलाव आ सकता है और रोजगार के अवसर भी प्रभावित हो सकते हैं। इससे पहले इन जिलों में निवेश से रोजगार के लाखों अवसर पैदा होने की संभावना जताई गई थी, लेकिन अब निवेशक इस स्थिति को घाटे का सौदा समझ रहे हैं।