राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने आज प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जिलाध्यक्ष हमीर सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा शिक्षा विभाग के स्थानांतरण नहीं खोलने के विरोध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के नाम जिलाधीश सीकर को ज्ञापन दिया।
प्रदेश सभाध्यक्ष सम्पत सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कार्मिकों की लंबे समय से स्थानांतरण की मांग को देखते हुए 01 जनवरी से 10 जनवरी के बीच स्थानांतरण पर लगी रोक हटाते हुए शिक्षा विभाग को छोड़कर अन्य सभी विभागों के कार्मिकों के स्थानांतरण करने का निर्णय लिया है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने सरकार की इस भेदभाव पूर्ण नीति को शिक्षकों के प्रति उपेक्षापूर्ण बताते हुए शिक्षक समुदाय में इसके विरुद्ध व्याप्त रोष को देखते हुए प्रदेश नेतृत्व में आह्वान पर आज जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा।
जिला मंत्री कल्याण सिंह कसवा ने बताया कि आज राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने सभी जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन देकर स्थानांतरण के मामले में शिक्षकों के साथ सरकार के भेदभावपूर्ण रवैए का विरोध जताते हुए सरकार से मांग की है कि शिक्षा विभाग में भी जल्द से जल्द तबादले खोल कर शिक्षकों को राहत प्रदान करे। उन्होने बताया की सरकार ने पूर्व में भी सरकार गठन के बाद अन्य सभी विभागों में स्थानांतरण से प्रतिबंध हटाकर 2 बार स्थानांतरण किये है,तब भी और अब भी शिक्षा विभाग की उपेक्षा की गई है । शिक्षा विभाग सबसे बड़ा विभाग होते हुए भी लगातार शिक्षकों की अनदेखी की जा रही है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से संपूर्ण शिक्षा विभाग में सरकार के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है।सरकार से अविलंब शिक्षा विभाग में अधिकारीयों से लेकर सभी संवर्गों के स्थानांतरण करने की संगठन मांग करता है।
अतिरिक्त जिलामंत्री सनत कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले और चुनाव के बाद शिक्षा विभाग को छोड़कर अन्य सभी विभागों में स्थानांतरण किए गए परन्तु शिक्षा विभाग में स्थानांतरण नहीं किये । इससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग के साथ भेदभाव किया जा रहा है। आज प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था के नाम पर एक जिले से दूसरे जिले में सैकड़ो की संख्या में प्रतिनियुक्ति की जा रही है जिनका वास्तव में शिक्षण व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है।इनमें कई शिक्षक तो ऐसे हैं जिनको 30 जून तक शिक्षण व्यवस्था के नाम पर लगा दिया गया जबकि ग्रीष्म अवकाश में कोई शिक्षण कार्य नहीं होता है।विभाग द्वारा लगभग समस्त जिलों में प्रतिनियुक्ति का खेल किया जा रहा है।अतः संगठन की मांग है इस प्रकार की प्रतिनियुक्ति नहीं की जा कर, स्पष्ट रूप से स्थानांतरण के माध्यम से ही शिक्षकों को पद स्थापित किया जाए।सरकार द्वारा शीघ्र शिक्षा विभाग के प्रति अपना रवैया नहीं बदला तो सरकार को शिक्षकों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है । अतः माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि शिक्षकों के प्रति मानवीय संवेदना रखते हुए शीघ्र ही सभी संवर्गों के स्थानांतरण किए जावे।
सरकार के इस निर्णय को प्रदेश महिला सचिव श्रीमती सुशीला कसवा, संभाग सह संयुक्त मंत्री यशवंत सिंह शेखावत, जिला संगठन मंत्री मनोज कुमार शर्मा, जिला महिला मंत्री नीतू शर्मा, जिला सभाध्यक्ष श्रवण सिंह शेखावत, जिला कोषाध्यक्ष बिहारी सिंह कविया, जिला कार्यकारिणी के सभी सदस्यों और राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने शिक्षकों की अनदेखी करने वाला और शिक्षक विरोधी बताते हुए शीघ्र स्थानांतरण की मांग की है।
इस अवसर पर पिपराली उपशाखा अध्यक्ष अरुण कुमार महला, मंत्री ओमपाल सिंह शेखावत, धोद उपाशाखा अध्यक्ष कैलाश कविया, मंत्री बनवारी लाल मील, सीकर उपशाखा अध्यक्ष अरुण कुमार तिवाड़ी, नरेंद्र सिंह, श्रीमती विजयलता पालावत सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।