महामंदिर रोड़ स्थित गली वाले बालाजी मंदिर प्रांगण में आयोजित श्री हनुमंत कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास श्री जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज के कृपा प्रात्र प. भवानी शंकर महाराज ने हनुमान जन्मोत्सव के पश्चात् कि कथा प्रारंभ करते हनुमान जी कि बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार हनुमान जी महाराज ने भगवान सुर्य देव को फल समझकर मुख में छिपा लिया फल स्वरूप सभी देवताओं कि विनती एवं वरदान के पश्चात् सुर्य देव को मुख से बहार निकाला कथा व्यास महाराज जी ने श्री राम नाम का महत्व बताते हुए कहा कि इस नाम से ही श्री हनुमान जी महाराज प्रसन्न होते है हनुमान जी कि बाल लीलाओं एवं सुन्दर काण्ड कि कथा के पश्चात आचार्य प. अभिजीत श्याम सहायक के सानिध्य में श्री राम राज्याभिषेक कि कथा के साथ कथा विश्राम हुइ तत् पश्चात आरती एवं भण्डारे का आयोजन किया गया । कथा में मंदिर के पूजारी शंकर जी मास्टर महेश तोदी, जानकी जी इन्दोरिया पुरूषोत्तम पाण्डेय,संजय तोदी, अनिल तोदी , कमल तोदी, सरोज तोदी, राधेश्याम पारीक, मनीष, विजय तालाब, दिनेश कावड़िया, भानुप्रताप सिंह, अशोक शर्मा, मीना तोदी, सरोज तोदी सहित अनेक सद्धालु उपस्थित रहे।