राजस्थान हाई कोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगभग 9 साल पहले दिए गए दिशा-निर्देशों की पालना में राज्य सरकार की लापरवाही पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। जस्टिस अशोक कुमार जैन की अदालत ने इस मामले में सरकार पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया। साथ ही, सरकार से इस पर स्पष्टीकरण देने के लिए मुख्य सचिव सुधांश पंत को 27 नवम्बर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराई जाए। जस्टिस जैन ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं जैसे गंभीर मुद्दों को हल करने में सरकार की निष्क्रियता साफ तौर पर दिखाई दे रही है।
कोर्ट ने 7 मई 2015 को दिए गए दिशा-निर्देशों का हवाला दिया, जिसमें जयपुर में फ्लाईओवर बनाने, सड़क चौड़ीकरण, मुख्य चौराहों और तिराहों का विकास, पार्किंग पर पाबंदी, अतिक्रमण हटाने और प्रदूषण नियंत्रण के उपायों की योजना बनाई गई थी। हालांकि, इन दिशा-निर्देशों के बावजूद सरकार द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 9 सालों में महाधिवक्ता और अन्य राज्य प्रतिनिधि मामले की पैरवी करने के लिए समय-समय पर हाजिर होते रहे हैं, लेकिन फरवरी 2024 में मामले में कोई भी प्रतिनिधि कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। कोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही माना और राज्य सरकार को इस पर जवाबदेह ठहराया।