17 सितंबर की दोपहर करीब 3 बजे का वक्त था। इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से एक महत्वपूर्ण कॉल की। गैलेंट ने बताया कि लेबनान में एक विशेष अभियान की तैयारी हो रही है। करीब 30 मिनट बाद, दोपहर 3:30 बजे। बेरूत के एक भीड़भाड़ वाले बाजार में एक शख्स की जेब में हल्की बीप की आवाज सुनाई दी। कुछ ही सेकंडों में उसी जेब से जोरदार धमाका हुआ। वह व्यक्ति तुरंत जमीन पर गिर पड़ा, दर्द में चिल्लाते हुए तड़पने लगा। आसपास के लोग घबराते हुए उसकी मदद के लिए दौड़े और उसे एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया।
जब वह अस्पताल पहुंचा तो वहां पहले से ही घायलों की भीड़ लगी थी। ज्यादातर लोगों के चेहरे, आंखें, और हाथ घायल हो चुके थे। कुछ की कमर में गंभीर चोटें आई थीं, तो कुछ की किडनियां और अंग बाहर आ चुके थे। कई की आंखों की रोशनी जा चुकी थी, और कुछ ने अपनी उंगलियां खो दी थीं। शाम तक खबर फैली कि करीब 3 हजार से अधिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में एक साथ विस्फोट हुए हैं, जिससे 12 लोगों की मौत हो गई और 2800 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अगले दिन, वॉकी-टॉकी उपकरणों में भी इसी तरह के धमाके होने लगे, जिससे 14 और लोगों की जान चली गई। हिजबुल्लाह का संचार नेटवर्क पूरी तरह नष्ट हो चुका था, और सभी की नज़रें इजराइल की ओर मुड़ गई थीं।