भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) सुशील चंद्रा ने आधार कार्ड (UIDAI) और वोटर आईडी (Voter ID) कार्ड को लिंक करने के मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है. सीईसी चंद्रा ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द ही जारी कर सकती है. उन्होंने कहा कि मतदाताओं के लिए आधार की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा हालांकि ऐसा नहीं करने वाले लोगों को इसकी पर्याप्त वजह बतानी होगी. आयुक्त चंद्रा ने एक इंटरव्यू में कहा कि बतौर सीईसी उनके कार्यकाल में जो दो प्रमुख चुनावी सुधार हुए, उनमें 18 साल की आयु वाले मतदाताओं को पंजीकरण कराने के लिए एक के बजाय साल में चार तारीख उपलब्ध कराने का प्रावधान और मतदाता सूची में नकली प्रविष्टियों पर लगाम लगाने के लिए आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ना शामिल है. चंद्रा ने कहा, ‘पहले हर साल एक जनवरी कट-ऑफ तारीख होती थी. हमने सरकार को आश्वस्त किया कि यह सुधार बहुत आवश्यक है और इन लोगों का जल्द से जल्द पंजीकरण होना चाहिए क्योंकि वे 18 साल के हो गए हैं. इस सुधार के साथ अब उन लोगों को पंजीकरण के लिए एक साल में चार तिथियां मिलेगी जिनकी उम्र 18 साल हो गई है. यह सुधार पिछले 20 वर्षों से लंबित था.’ अभी तक एक जनवरी को या उससे पहले 18 साल के होने वाले लोग मतदाता के तौर पर पंजीकरण करा सकते थे. इससे, दो जनवरी को या उसके बाद 18 साल के होने वाले लोगों को मतदाता के तौर पर पंजीकरण कराने के लिए एक साल इंतजार करना पड़ता था. लेकिन अब एक बार नियम जारी हो जाने के बाद लोग हर साल चार अलग-अलग तारीखों पर मतदाताओं के तौर पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘दूसरा सबसे बड़ा सुधार आधार को मतदाता सूची से जोड़ना है ताकि नकली प्रविष्टियों पर रोक लगायी जा सके. इससे मतदाता सूची साफ-सुथरी हो जाएगी तथा और अधिक मजबूत बनेगी.’
यह पूछने पर कि सरकार कब नियमों को अधिसूचित करेगी, चंद्रा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बहुत जल्द क्योंकि हमने इस संबंध में पहले ही प्रस्ताव का मसौदा भेज दिया है. हमने फॉर्म भी भेज दिए हैं जिनमें बदलाव होने हैं और ये विधि मंत्रालय के पास हैं. मुझे लगता है कि बहुत जल्द इन्हें मंजूरी मिल जाएगी. हमने भी अपनी आईटी प्रणाली मजबूत की है.’
चंद्रा का मानना है कि आधार नंबर साझा करने से मतदाता सूची को त्रुटि-रहित बनाने में मदद मिलेगी. इससे यह भी तय होगा कि चुनाव आयोग अपनी संचार प्रणाली के जरिए मतदाताओं को अधिक सेवाएं मुहैया कराए. बतौर सीईसी सबसे बड़ी चुनौती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सबसे ‘मुश्किल’ चुनौती कोविड-19 के दौरान पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने और विभिन्न उपचुनाव कराने की थी. यह पूछने पर कि क्या पांच राज्यों में टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए निर्वाचन आयोग जिम्मेदार है, चंद्रा ने कहा, ‘निश्चित तौर पर. जिन राज्यों में यह कम था… खासतौर से उत्तर प्रदेश, पंजाब और मणिपुर, वहां हमने हालात की समीक्षा की और मुख्य सचिवों तथा स्वास्थ्य सचिवों को टीकाकरण अभियान तेज करने के लिए कहा.’ उन्होंने कहा, ‘हर शख्स को कोरोना की कम से कम एक डोज दी जानी चाहिए थी. अगर पहली खुराक ले ली है तो दूसरी डोज देनी थी. यूपी में 100 फीसदी लोगों ने पहली खुराक ले ली. पंजाब और मणिपुर में भी वैक्सीनेशन की दर बढ़ाई गई. हमने राज्यों में चुनावों के दौरान ओमीक्रोन का प्रसार रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किया ताकि वोटर्स और मतदान प्रक्रिया दोनों सुरक्षित रहे.’