शेखावाटी की पहली कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी

मनु ईएनटी हॉस्पिटल में 12 साल के बच्चे का किया ऑपरेशन

जो बच्चे या बड़े जन्म से ही सुन और बोल नहीं पाते है, उनके लिए सीकर में उम्मीद की नई रोशनी बनकर के आया है मनु ईएनटी हॉस्पिटल। क्योंकी आज यहां शेखावाटी का पहला कॉक्लियर इम्प्लांट ऑपरेशन हुआ जो पूरी तरह से सफल रहा।

सीकर मेडिकल के क्षेत्र में दिनों दिन प्रगति कर रहा है, अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित बड़ी सर्जरी भी अब यहां होने लगी है, ऐसी ही एक सर्जरी आज की गई सीकर के मनु ईएनटी एण्ड मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में। जो शेखावाटी क्षेत्र में पहली सर्जरी है, यह सर्जरी थी कॉक्लियर इम्प्लांट की, जिसे ईएनटी, ऑडियोलोजिस्ट चिकित्सकों की 6 सदस्यीय टीम ने सफल बनाया है। कान, नाक, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. कैलाश पचार ने बताया कि हमेशा मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिले, इसके लिए वे प्रयास करते है, आज एक 12 वर्षीय बच्चे की सर्जरी कर के कॉक्लियर इम्प्लांट किया गया है, जो शेखावाटी का पहला इम्प्लांट है, यह सर्जरी बहुत सफल रही। सर्जरी के बाद बच्चा अब आसानी से सुन रहा है, और सुनने की क्षमता विकसित होने के साथ ही वह जल्द ही अच्छे से बोलने भी लगेगा।

डॉ. कैलाश पचार ने बताया कि यह बेहद खुशी की बात है कि अब सीकर में यह सर्जरी शुरू हुई है, इससे मरीजों को ईलाज में काफी आसानी होगी। यह सर्जरी खासकर उन बच्चों के जीवन को बदलने वाली है, जो बच्चे जन्म से सुन नहीं सकते, बोल नहीं सकते या किसी भी उम्र में अपने सुनने की क्षमता को किसी भी कारण या बीमारी से खो चुके है। उन बच्चों या मरीजों के लिए यह सर्जरी बहुत खास है, क्योंकी इस सर्जरी के बाद बच्चे या किसी भी उम्र के व्यक्ति के सुनने की क्षमता बहुत अच्छी हो जाती है और उसका जीवन परिवर्तन हो जाता है।

डॉ. कैलाश पचार ने बताया कि कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी 5 साल तक के बच्चों में बहुत ही शानदार रिजल्ट देती है, उसके बाद के किसी भी उम्र के मरीज भी यह सर्जरी करवा सकते है, जिससे उनका जीवन आसान हो जाता है, उनमें सुनने की क्षमता का विकास होता है। डॉ. पचार ने बताया कि जो बच्चे जन्म से सुन और बोल नहीं पाते है, या किसी भी उम्र के व्यक्ति के सुनने की क्षमता खत्म हो गई है वे यहां इलाज ले सकते है और इस जीवन बदलने वाली तकनीक का लाभ उठा सकते है।  डॉ. पचार ने बताया कि बड़े शहरो में इस सर्जरी का 18 से 20 लाख रुपए खर्च आता है। लेकिन उनके यहां यह सर्जरी मात्र 6 लाख रूपये से शुरू है, जिसका यहां के मरीजों को लाभ मिलेगा। इस जटिल ऑपरेशन टीम में ईएनटी डॉ. कैलाश पचार, डॉ. सुमित मृग, डॉ. रहमान, डॉ. अजय सिंह खर्रा, बीएल चौधरी, अजय कुमार, ऑडियोलोजिस्ट डॉ. विकास सहित अन्य सदस्य शामिल रहे। वहीं ऑपरेशन के बाद बच्चा रितिक और उसके अभिभावक भी काफी खुष है। रितिक के पिता मोहर सिंह मीणा ने बताया कि यह सर्जरी सफल रही, सीकर में होने के कारण सब कुछ आसान रहा। अब बच्चा  अच्छे से सुन और बोल सकेगा।

 

क्या होता है कोक्लियर इम्प्लांट, जिससे बहरे बच्चे भी सुन सकते हैं हर आवाज

 

कॉक्लियर इंप्लांट्स एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जिसका प्रयोग सुनने के लिए किया जाता है। जिन लोगों की सुनने की क्षमता जा चुकी है या फिर काफी हद तक कम हो चुकी है वह इस का प्रयोग कर सकते है।

आंतरिक कान के डैमेज होने की वजह से न सुन पाने वाले लोगों के लिए भी यह काफी लाभदायक होता है। यह साउंड को आपके कान के डैमेज्ड हिस्से से सीधे हियरिंग नर्व तक लेकर जाता है जिसे कॉक्लियर नर्व भी कहा जाता है।

इस वजह से ही आप का सुन पाना थोड़ा आसान हो जाता है। इसमें आने वाली आवाज प्राकृतिक आवाज जैसी ही होती है। जो लोग अन्य हियरिंग डिवाइस का प्रयोग करके भी नहीं सुन पाते हैं वह इसका प्रयोग कर सकते हैं।

जिन लोगों की सुनने की क्षमता बिल्कुल जा चुकी है या जो लोग कम सुन पाते हैं वह कॉक्लियर इंप्लांट्स का प्रयोग कर सकते हैं। यह ऐसे लोगों को दूसरों की बातें सुनने और अपनी बात उन तक पहुंचाने में काफी काम आएगा। इसका प्रयोग आप एक कान में भी कर सकते हैं और दोनों में भी। एक कान में प्रयोग किए जाने वाले इंप्लांट को यूनिलेटरल कहा जाता है और दोनों में प्रयोग करने वाले को बाय लेटरल। ऐसे लोग बिना लोगों के होंठों को पढ़े उनकी आवाज को सुन और समझ पाते हैं। शोर वाले स्थानों पर भी सुनने में उन्हें कोई समस्या नहीं होती है।

 

 

 

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