शेखावाटी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। सोमवार को सीकर 328 एक्यूआई के साथ प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे स्थान पर रहा। चूरू और झुंझुनूं भी रेड जोन में शामिल हैं, जहां एक्यूआई क्रमशः 401 और 349 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि, हरियाणा की तरफ से आ रहे वायु प्रवाह और उत्तरी-पूर्वी हवा के दबाव ने प्रदूषण को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है। कोहरे और शीतलहर के चलते यह स्थिति और गंभीर हो गई है।
हरियाणा और दिल्ली के विंड पैटर्न का सीधा असर शेखावाटी के पर्यावरण पर पड़ रहा है। क्षेत्रीय रिपोर्ट के अनुसार, पराली जलाने के साथ ही वातावरण में नमी और बदलते मौसम के कारण हवा की गुणवत्ता तेजी से गिर रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए झुंझुनूं कलेक्टर रामावतार मीणा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर चर्चा की और एडवाइजरी जारी की। बुजुर्गों और श्वांस रोग से पीड़ित लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है, वहीं वाहनों के उपयोग को सीमित करने और सफाई पर जोर देने के निर्देश दिए गए हैं।
सीकर क्षेत्रीय कार्यालय ने प्रदूषण की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है। नगर परिषद को सफाई में सावधानी बरतने और कचरा जलाने से बचने का आदेश दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पराली जलाने पर सख्ती और पर्यावरणीय उपायों की सख्त जरूरत है, ताकि प्रदूषण के इस संकट से निपटा जा सके। यदि यह समस्या जारी रही, तो इसका स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक असर हो सकता है।