सीकर। सालों की मेहनत और लगन के बाद जब विद्यार्थियों के हाथों में स्वर्णपदक और उपाधियां आई तो सभी के चेहरे खिले उठे। अवसर था शुक्रवार को आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर के पंचम् दीक्षांत समारोह का। कार्यक्रम में 2023 और 2024 सत्र के स्नातक और स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों के 69 स्टूडेंट्स को स्वर्ण पदक और उपाधियां प्रदान की गई। समारोह में शेखावाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार राय ने स्वागत भाषण दिया और विवि की अकादमिक गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हम लगातार तकनीक का इस्तेमाल कर शिक्षा में नवाचार कर रहे है। विद्यार्थियों को भी आईटी बेस्ड सोल्यूशन प्रदान कर रहे है। जल्द ही एप आधारित सुविधाएं स्टूडेंट्स को मिलेगी।
समारोह के अध्यक्ष राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी, प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. बजरंग लाल गुप्ता और राजस्थान विवि के पूर्व कुलपति प्रो.जगदीश प्रसाद सिंघल को मानद उपाधि प्रदान की। राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह से पहले शेखावाटी मंडपम में तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव ‘प्रत्युषा 2025’ और विभिन्न प्रदर्शनियों भी शुभारंभ किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के अतिथि गृह, ज्ञान अनुसंधान केंद्र, पुस्तकालय का भी लोकार्पण किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। दीक्षांत समारोह में कुलसचिव श्वेता यादव समेत विवि के अधिकारी, कर्मचारी, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
69 में 56 स्वर्ण पदक मिले बेटियों को
दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने में एक बार फिर बेटियों ने बाजी मारी है। 69 में से 56 स्वर्णपदक छात्राओं ने अपने नाम किए है, जबकि छात्रों को केवल 14 गोल्ड मेडल मिले। इस अवसर पर यूजी—पीजी के 1,84,255 सफल स्टूडेंट्स को उपाधियां प्रदान की गई। कुलपति प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार राय ने बताया कि दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने की। मुख्य अतिथि निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज थे।
राज्यपाल ने शेखावाटी विवि के नवाचारों की प्रशंसा की
इस अवसर पर राज्यपाल बागडे ने कहा कि दीक्षांत, शिक्षा का अंत नहीं बल्कि नई शुरुआत है। विद्यार्थी इस दौरान सीखे हुए ज्ञान का उपयोग भावी जीवन के निर्माण, समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए करें। राज्यपाल बागडे ने शेखावाटी विवि के नवाचारों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विवि के पुस्तकालय में सेल्फ बुक इश्यू एंड रिटर्न मशीन से स्टूडेंट अपने आप पुस्तक ले सकता है और जमा कर सकता है। राज्यपाल बागड़े ने कहा कि केवल रोजगार पाने का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व विकास और राष्ट्र निर्माण का आधार भी है। उन्होंने कहा कि आप सब सपनों को साकार करने के लिए हमेशा मेहनत करें, कभी हार न मानें और समाज व राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाएं।
युवाओं में राष्ट्र नवनिर्माण करने की क्षमता : स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज
समारोह में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने स्वर्ण पदक और उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि अपने ज्ञान, कौशल और यहां आपको दिए गए मूल्यों के साथ, आपके पास नवाचार को आगे बढ़ाने और राष्ट्र का नवनिर्माण करने की क्षमता है। उन्होंने शिक्षा—संस्कृति और भारतीय ज्ञान परम्परा को अपनाने पर जोर दिया।
शाम को राज्यपाल ने इन्हें मिला शेखावाटी शिरोमणि और भूषण
कुलपति प्रोफेसर राय ने बताया कि समारोह में शाम को हरिभाऊ बागडे ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय और विशिष्ट योगदान के लिए श्री श्री 108 स्वामी ओमदास जी महाराज, डॉ. ग्यारसी लाल जाट, राजीव के. पोदार को शेखावाटी शिरोमणि सम्मान और भरत हरदत्तराय बियाणी, मदन सिंह काजला, कैलाश तिवाड़ी, छोगालाल सैनी, तंवर सिंह राठौड़, कानसिंह निर्वाण, विनोद भारती, महेश कुमार शर्मा, चरण सिंह, कमलेश पारीक को शेखावाटी भूषण से सम्मानित किया गया। इसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया।
स्टूडेंट के लिए 29 व 30 को होंगी विभिन्न प्रतियोगिताएं
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पुस्तक मेला, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, फूड स्टॉल्स,’दृष्टि’ फोटो प्रतियोगिता और प्रदर्शनी, गायन—नृृत्य, पेंटिंग, क्विज और संभाषण कौशल प्रतियोगिता रहेगी। कुलपति प्रोफेसर राय ने बताया कि 29 और 30 मार्च को राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य में राजस्थान के विकास के लिए सुझाव आमंत्रित करने के लिए ‘राजस्थान की शिक्षा संस्कृति और धरोहर : सतत विकास का आधार’ विषय बौद्धिक सत्र होंगे। इन सत्रों में मिले सुझावों को राज्य सरकार को सौंपा जाएगा।