सम्मेद शिखरजी बचाओ आंदोलन: सरकार के फैसले का सम्पूर्ण भारत में जैन समाज द्वारा विराेध, सीकर में रविवार को निकालेंगे विशाल मौन जुलूस

सबसे बड़े तीर्थ क्षेत्र "तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी" को झारखंड सरकार व केंद्र सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित किए जाने के निर्णय का भारतवर्ष के साथ संपूर्ण विश्व में जैन समाज द्वारा विरोध किया जा रहा हैं.

झारखंड राज्य में स्थित जैन समाज के सर्वाधिक महत्वपूर्ण सबसे बड़े तीर्थ क्षेत्र “तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी” को झारखंड सरकार व केंद्र सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित किए जाने के निर्णय का भारतवर्ष के साथ संपूर्ण विश्व में जैन समाज द्वारा विरोध किया जा रहा हैं. अपने तीर्थ की रक्षा के लिए देश भर में जैन समाज आंदोलित है.

प्रवक्ता विवेक पाटोदी ने बताया कि सम्मेद शिखरजी बचाओ आंदोलन के तहत रविवार 25 दिसंबर को दोपहर 12:30 बजे सीकर शहर के जैन समाज द्वारा विशाल मौन जुलूस निकाला जाएगा, जो जाट बाजार स्थित दीवान जी की नसियां से प्रारंभ होकर स्टेशन रोड़, अहिंसा सर्किल, कल्याण सर्किल होते हुए कलेक्ट्रेट तक जाएगा. मौन जुलूस में जिले के अन्य स्थानों से भी लोग सम्मिलित होंगे.

संयोजक आशीष जयपुरिया व संजय बड़जात्या ने बताया कि समाज के समस्त मंदिर व संपूर्ण संस्थाओं के नेतृत्व में जैन समुदाय द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन देकर अपना विरोध दर्ज कराया जाएगा. उक्त आंदोलन जैन धर्म के सबसे बड़े तीर्थ क्षेत्र, बीस जैन तीर्थंकरों और अनंत संतों के मोक्षस्थल श्री तीर्थराज सम्मेद शिखरजी पारसनाथ, गिरिडीह (झारखंड) की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता एवं संरक्षण के लिए किया जा रहा है. इस दौरान पूरे दिन समाज के सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. 

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