किसानों के लिए केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार कई योजनाएं चला रही है. केंद्र सरकार किसानों की आमदनी दुगुनी करने के वादे के साथ आगे बढ़ रही है तो राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अलग से कृषि बजट पेश कर किसान हितों की कई घोषणाएं की है. आज हम आपको किसानों से जुड़ी पांच ऐसी योजनाओं के बारे में बताएंगे जिससे फायदा उठाकर किसान लाखों रुपए कमा सकते है. इस योजना के तहत सरकार किसानों को कृषि यंत्र जैसे ट्रॉली, थ्रेसर आदि उपकरण खरीदने पर 40 से 50 प्रतिशत तक अनुदान देती है. इसके लिए व्यक्ति के पास खुद के नाम की जमीन होनी चाहिए. अगर संयुक्त परिवार है तो वैसी स्थिति में उस किसान का नाम जमीन के राजस्व रिकॉर्ड में होना जरुरी है. ये योजना पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चलती है. लेकिन उन किसानों को प्राथमिकता दी जाति है जो एससी-एसटी वर्ग या बीपीएल वर्ग से है. या फिर वो किसान जिन्हें आज तक सरकार की किसी योनजा का फायदा नहीं मिला है.
अगर किसान को ट्रैक्टर से संचालित होने वाले कृषि यंत्रों को खरीदना है तो इसके लिए जरुरी है कि ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन उसी किसान के नाम पर हो. इसका आवेदन ई-मित्र के जरिए ऑनलाइन होता है. और अनुदान का भुगतान भी बैंक खातों में मिलता है. ये योजना राजस्थान के नहरी इलाके में किसानों को जल संचय में मदद के लिए चलाई जा रही है. अगर किसान 4 लाख लीटर पानी की क्षमता वाली डिग्गी बनाता है उसके लिए सरकार 50 प्रतिशत तक या अधिकतम 2 लाख रुपए का अनुदान देती है. इसके लिए किसान के पास न्यूनतम 1 हैक्टेयर सिंचित जमीन होनी चाहिए. किसान नजदीकी ई-मित्र के जरिए आवेदन कर सकता है. डिग्गी निर्माण का काम पूरा होने के 30 दिन के भीतर भुगतान होता है. राजस्थान में जिन इलाकों में नहरी पानी या नदियों से सिंचाई नहीं होती है. उन इलाकों में कुंए काफी गहरे है. या बिजली सप्लाई को लेकर भी काफी समस्या रहती है. ये योजना उन इलाकों के लिए कारगर है. जहां एक लाख लीटर जल भराव क्षमता वाले हौज का निर्माण करने पर सरकार की ओर से किसान को 50 प्रतिशत तक अनुदान या अधिकतम 75 हजार रुपए की मदद मिलती है. जहां कम बारिश या बाढ़ की वजह से फसलें खराब हो जाती है. या आगजनी, ओलावृष्टि या बेमौसम बारिश की वजह से फसलें खराब हो जाती है. उन इलाकों में किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए सरकार ने ये योजना चलाई है. इसके लिए किसानों को जितनी राशि का बीमा कराया जाएगा. उसका कुछ हिस्सा प्रीमियम का भी भरना होगा. खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबि के लिए डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम देना होगा. इसके अलावा वाणिज्यिक और उद्यानिकी फसलों के लिए 5 प्रतिशथ प्रीमियम देना होगा. जिन किसानों ने बैंकों से लोन ले रखा है उनका उसी बैंक में बीमा होगा. बाकी किसानों को ई-मित्र के जरिए आवेदन करना होगा. इस योजना में किसानों सिंचाई पाईप के लिए अनुदान मिलता है. पी.वी.सी./एच.डी.पी.ई. पाईप पर किसानों को लागत पर 50 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से या लागत का 50 प्रतिशत अनुदान मिलता है. एचडीपीई पाईप 20 रुपए प्रति मीटर अनुदान मिलता है. एचडीपीई लेमिनेटेड ले-फलेट टयूब पाईप खरीदने पर सरकार की ओर से अधिकतम 15 हजार रुपए की आर्थिक मदद मिलती है.