सीकर-नीमकाथाना में अवैध खनन पर नियंत्रण में नाकाम माइनिंग विभाग, लाखों टन पत्थर रिकॉर्ड से गायब…

सरकारी रिकॉर्ड में घालमेल, माइनिंग माफिया ने तय सीमा से लाखों टन अधिक पत्थर निकाला

जिले में अवैध खनन की गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं, और माइनिंग विभाग इन्हें रोकने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ों और वास्तविक खनन में बड़ा अंतर सामने आया है। विभागीय रिकॉर्ड में कम आंकड़े दिखाकर माइनिंग माफिया ने लाखों टन पत्थर का अवैध रूप से खनन किया है। टोडा क्षेत्र की खान में, जहां रिकॉर्ड के अनुसार 3.95 लाख टन पत्थर दर्ज है, विशेषज्ञों के अनुसार 10 लाख टन से अधिक पत्थर निकाल लिया गया है।

नीमकाथाना के कोटड़ी लुहारवास क्षेत्र में 150 फीट तक खुदाई कर 8 लाख टन से अधिक पत्थर निकाला गया है, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में केवल 1.80 लाख टन ही दर्ज है। मीणा की नांगल की खान में भी 9 लाख टन से अधिक पत्थर निकाला गया, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में मात्र 38 हजार टन का उल्लेख है। डिस्पैच और खनन पिट की तुलना से अवैध खनन की पूरी तस्वीर सामने आ रही है।

प्रशासन का जवाब: वाहनों पर कार्रवाई और जुर्माना जारी
माइनिंग विभाग ने अवैध खनन पर कार्रवाई के तहत हाल ही में वाहनों को जब्त किया और 1.22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विभाग का दावा है कि समय-समय पर लीज की जांच की जा रही है, लेकिन माइनिंग माफिया की गतिविधियाँ गहराई तक जारी हैं, जिन पर अभी तक लगाम नहीं लग सकी है।

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