सीकर जिले में निकाय और पंचायतों के परिसीमन को लेकर कई असंगत और अजीबो-गरीब मामले सामने आए हैं, जिससे आमजन में नाराजगी है। पुनर्गठन के प्रस्तावों में कई गांवों और परिवारों को इस तरह बांटा गया है कि एक ही घर के सदस्य दो अलग-अलग पंचायतों या वार्डों में आ गए हैं। उदाहरण के तौर पर, मालियों की ढाणी को हर्ष पंचायत से हटाकर 8 किमी दूर स्थित आंतरी पंचायत में शामिल कर दिया गया, जबकि हर्ष से उसकी दूरी मात्र 2 किमी है। इसी तरह कुछ गांवों को ऐसे पंचायत क्षेत्रों में जोड़ दिया गया है, जहां पहुंचने के लिए लोगों को पहाड़ पार करना पड़ेगा।
ग्राम पंचायतों और नगर परिषद सीमाओं के इस मनमाने पुनर्गठन को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया है और 300 से ज्यादा आपत्तियां जिला प्रशासन के पास पहुंच चुकी हैं। परिसीमन में यह भी देखने को मिला कि एक ही परिवार के कुछ सदस्यों को अलग-अलग पंचायतों में शामिल कर दिया गया है, जैसे विकास नगर में रहने वाले तीन सगे भाइयों के परिवार दो अलग पंचायतों में बांट दिए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नगर परिषद में शामिल होने पर उन्हें खेती और पशुपालन से जुड़ी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा और मनरेगा जैसे कार्यों में भी बाधा आएगी। अधिकारियों ने कहा है कि अंतिम तारीख तक आपत्तियों पर विचार किया जाएगा और जायज शिकायतों को सुधारा जाएगा।