सीकर के अरिहंत हॉस्पिटल में एक दंपती को आईवीएफ तकनीक के जरिए जुड़वां बच्चों की सौगात मिली, जिससे वर्षों से चली आ रही संतान की चाह पूरी हो सकी। बेंगलुरु के बड़े अस्पताल में पांच बार असफल प्रयासों के बाद, सीकर में पहली बार में ही सफलता मिली। महिला कई स्वास्थ्य जटिलताओं जैसे वेजाइनल एजेनेसिस, हाइड्रोसैलपिन्स और डर्मॉइड सिस्ट से जूझ रही थीं, बावजूद इसके डॉक्टरों की टीम ने एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिलवाने में सफलता हासिल की।
एक अन्य मामले में एंडोमेट्रियोसिस और एडेनोमायोसिस से ग्रस्त महिला ने दवाओं की मदद से यूटेरस की स्थिति सुधारकर स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। आधुनिक तकनीकों जैसे टीईएसई, पीईएसए, एम्ब्रियो बायोप्सी और पीजीटी ने उन दंपतियों को भी आशा दी, जिन्हें मेडिकल दृष्टि से लगभग असंभव माना जाता था। डॉ. सरिता जैन का कहना है कि वे सीकर जैसे छोटे शहर में भी महानगरों जैसी उन्नत सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हर परिवार को संतान का सुख मिल सके।