BF.7 Variant: शरीर के विभिन्न अंगो पर कर रहा हमला, जानें इससे बचने के उपाय
चीन में BF.7 वेरियंट जो कोरोना का एक रूप है, का खतरा तेजी से फेल रहा है. चीन के अलावा भी यह कई अन्य देशों में पाया गया है. ड़ोदरा में अमेरिका से आई एक महिला में इस वेरिएंट सक्रमण की पुष्टि हुई है. भारत में इस BF.7 वेरिएंट की एंट्री हो चुकी है.
विश्व पर कोरोना महामारी की एक और लहर का खतरा मंडराने लगा है. इस बार कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट परिवार का एक सबवेरिएंट BF.7 चिंता की वजह बन गया है. जानते हैं BF.7 क्या है और शरीर के किन अंगों को प्रभावित कर रहा है साथ ही इससे कैसे बचा सकता है आइए जानते है.
चीन में कोरोना के मामलों के फिर से बढ़ने के पीछे यही वेरिएंट बताया जा रहा है. चीन के अलावा भी यह कई अन्य देशों में पाया गया है. भारत में इस वेरिएंट की एंट्री हो चुकी है. वड़ोदरा में अमेरिका से आई एक महिला में इस वेरिएंट सक्रमण की पुष्टि हुई है.
BF.7 कोरोना के वेरिएंट ओमीक्रॉन का ही एक सबवेरिएंट है. इसे BA.5.2.1.7 के रूप में जाना जाता है. यह ओमीक्रोन वेरिएंट BA.5 का एक सबवेरिएंट हैं. BF.7 वेरिएंट्स की तुलना में तेजी से फैलता है और ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता है. एक और चिंता की बात यह है कि यह कोरोना वायरस के टीके लगवा चुके लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है.
BF.7 मुख्यत: ऊपरी श्वसन तंत्र – नाक, साइनस, ग्रसनी (गला), कंठ (वॉइस बॉक्स), श्वास नली और ब्रांकाई को संक्रमित कर सकता है. इन अंगों के प्रभावित होने पर सामान्य सर्दी, टॉन्सिलिटिस, साइनस, गले में खराश, नाक बहना, छींकना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं. यह वायरस कभी भी निचले निचला श्वसन तंत्र को संक्रमित कर सकता है क्योंकि इसका लोड अधिक है. यह फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है. इसकी वजह से ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, ब्रोंकियोलाइटिस, टीबी और कभी-कभी फ्लू हो सकता है.
इससे बचने के उपाय: –
खानपान:
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तरल पदार्थों जैसे – पानी, जूस, सूप, गर्म नींबू पानी का अधिक सेवन करें.
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चिकन सूप का सेवन भी लाभदायक है.
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कैफीन और अल्कोहल से बचने की कोशिश करें.
आराम:
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खांसी या बुखार होने पर खूब आराम करें.
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इससे जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी और दूसरों में संक्रमण की संभावना कम हो जाएगी.
कमरे का तापमान:
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कमरे को गर्म रखें लेकिन अधिक नहीं.
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यदि हवा शुष्क है, तो हवा को नम करने के लिए कूल-मिस्ट ह्यूमिडिफायर या वेपोराइज़र का प्रयोग कर सकते हैं.
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ध्यान रहे ह्यूमिडिफायर को साफ रखें इससे बैक्टीरिया और मोल्ड के विकास पर रोक लगेगी.
गले में खराश हो तो गरारे करें:
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नमक के पानी से गरारे अस्थायी रूप से गले में खराश या खरोंच से राहत दिला सकते हैं.
नेजल ड्रॉप:
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लक्षण दिखे तो नेजल ड्रॉप का इस्तेमाल करें. कई तरह की नेजर ड्रॉप उपलब्ध हैं. अलावा अगर जरूरत पड़े तो खांसी की दवा लेना न भूलें.
(दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों के आधार पर है, यह तरीका अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेवें. Shekhawati ab tak news इसकी पुष्टि नहीं करता है.)