Power Day: अनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान तहत स्वास्थ्य और आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया शक्ति दिवस

Sikar: राजस्थान के सीकर जिलें में अनीमिया मुक्त अभियान के तहत चिकित्सा संस्थानों व आंगनबाडी केन्द्र और शिक्षण संस्थाओं में शक्ति दिवस मनाया गया. स्वास्थ्य कर्मियों ने स्क्रीनिंग कर शक्ति बढ़ाने की गोली खिलाई. इस अभियान के तहत जिले में प्रत्येक मंगलवार को चिकित्सा विभाग की ओर से शक्ति दिवस मनाया जाता है.

Anemia Free Rajasthan Campaign: आपका बच्चा चिड़चिडा हो गया है, जल्दी ही थकावट महसूस करता है तो यह गंभीर रोग के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में बच्चे को चिकित्सकों को तुरन्त दिखाएं. बच्चे के शरीर में खून की कमी हो सकती है. शरीर में खून की कमी से ठंड लगने, सांस लेने में कठिनाई, चक्कर और सिर दर्द भी हो सकता है. इन परेशानियों से पीडित बच्चों को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में दिखाएं.इसकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार की ओर से अनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत जिले में प्रत्येक मंगलवार को चिकित्सा विभाग की ओर से शक्ति दिवस मनाया जाता है. मंगलवार को राजकीय अवकाश होने पर 12 अप्रैल बुधवार को दिवस मनाया गया. अनीमिया से बच्चों, किशोर किशोरियां, गर्भवती, धात्री व अन्य सभी वर्ग के लोगों को मुक्त रखने के लिए विभाग की ओर से यह दिवस मनाया जाता है. इस दिन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा शरीर में खून की मात्रा की जांच कर खून बढाने की गोली दी जाती है.मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से जिले में अनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत चिकित्सा संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों व शिक्षण संस्थाओं पर स्वास्थ्य कर्मियों ने बच्चों, किशोर किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं की स्क्रीनिंग की और खून जांच कर शरीर में खून की कमी नहीं हो, इसके लिए आयरन फोलिक एसिड की गोली तथा बच्चों को सिरप पिलाई गई.

जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों ने संस्थानों का निरीक्षण कर आमजन को दी गई सेवाओं व सुविधाओं का जायजा लेकर मोबाइल एप के माध्यम से मॉनिटरिंग की. प्रत्येक मंगलवार को जिले के आंगनबाडी केंद्रों, राजकीय विद्यालयों, उप स्वास्थ्य केंद्रों, सीएचसी, पीएचसी, उप जिला अस्पताल, जिला अस्पताल, शिक्षण संस्थाओं में शक्ति दिवस मनाया जाता है.उन्होंने बताया कि 6 माह से 59 माह तक के बच्चों, पांच से नौ वर्ष तक के विद्यालय नहीं जाने वाले बच्चों, 10 से 19 साल तक की विद्यालय नहीं जाने वाली सभी किशोरी बालिकाओं तथा 20 से 24 साल की विवाहित महिलाओं, गर्भवती व धात्री माताओं को आंगनबाडी केंद्र पर आशा सहयोगिनी द्वारा लक्षण के आधार पर जांच की गई और आयरन की गोलियां दी गई. वहीं कक्षा पांच से 12वीं तक के विद्यार्थियों को राजकीय विद्यालयों में आयरन की गोली खिलाई. छह से 59 माह तक बच्चे, पांच से नौ साल के बच्चे, 10 से 19 साल के किशोर-किशोर तथा 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाएं, गर्भवती व धात्री महिलाओं को चिकित्सा संस्थानों पर भी आयरन फोलिक एसीड की गोली व सिरप पिलाई गई.

Anemia Free Rajasthan CampaignDistrict Collector sikarhindi khabarhindi newshindi updatePower DayrajasthanSikar