धरने में पहुंचे विधायक पारीक और खान, काले झंडे दिखाने पर भाजपा सरकार की आलोचना…

सीकर और नीमकाथाना जिले की बहाली की मांग को लेकर वकीलों का धरना, भाजपा सरकार पर लोकतंत्र का उल्लंघन करने का आरोप

सीकर में सोमवार को वकीलों द्वारा क्रमिक अनशन और धरना जारी रखा गया, जिसमें सीकर और नीमकाथाना जिले की बहाली की मांग की गई। इस आंदोलन को सीकर विधायक राजेंद्र पारीक और फतेहपुर विधायक हाकम अली ने समर्थन दिया और धरने में शामिल हुए। धरने में सीकर के प्रमुख वकील जैसे एडवोकेट भागीरथमल, रणवीर काजला, महेंद्र सुंडा और एसएफआई के सदस्य महिपाल गुर्जर, रामनारायण आदि ने भी भाग लिया।

सीकर विधायक राजेंद्र पारीक ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि काले झंडे दिखाने को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी लोकतंत्र का उल्लंघन है, और वे इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि काले झंडे दिखाना कोई अपराध नहीं है, और इस मामले में युवाओं को गिरफ्तार करना गलत था। पारीक ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ऐसे ही जनता की आवाज दबाने की कोशिश करती रही तो वे स्वयं मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने जाएंगे।

फतेहपुर विधायक हाकम अली खान ने भी भाजपा सरकार के रवैये को सामंतशाही करार दिया और कहा कि काले झंडे दिखाने वाले लोगों को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस ने उनके परिवार वालों को थाने ले जाने की कोशिश की, जो संविधान के खिलाफ है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला ने कहा कि प्रशासन भाजपा के दबाव में काम कर रहा है, और कांग्रेस पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही गिरफ्तार छात्रों को कोर्ट में पेश किया गया और जमानत मिली।

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