अशोक चांदना के ट्वीट बम पर खाचरियावास का बयान, ‘राजनीति किसी की मोहताज नहीं’
खाचरियावास ने कहा कि जो भी सीएम होता है, उसकी जिम्मेदारी होती है कि ब्यूरोक्रेसी, सत्ता पक्ष, विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर चलना होता है. चिंतन शिविर में तय हुआ था कि बाद में जाएंगे, लेकिन वो पहले पब्लिक में आ गए. उन्होंने ट्वीट पर शिकायत व्यक्त कर दी. उनकी भावनाओं का सम्मान कराया जाएगा.
Jaipur: खेल एवं युवा मामलात राज्य मंत्री अशोक चांदना के ट्वीट ने सियासी हलचल मचा रखी है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ अधिकारियों को लगता है कि सरकार उनके भरोसे चल रही है, वो यह गलतफहमी निकालें. सरकार तो जनता के आशीर्वाद से चलती है, जनता जब वोट देती है तब सरकार बनती है.
सरकारी आवास पर मीडिया के सवालों के जवाब में प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि एमएलए चुनाव जीतकर आता है, जनता में ऑफिसर के कारण नाराजगी है तो सरकार के मुखिया बात कर उनकी नाराजगी दूर करते हैं. खाचरियावास ने कहा कि चांदना ने गुस्सा दिखाते हुए ट्वीट किया है, तो गंभीरता से लेना चाहिए. चांदना एक युवा बिजनेसमैन हैं, यूथ आइकॉन है, अच्छे खिलाड़ी हैं. मैं सीएम से बात करूंगा. जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा. कांग्रेस की युवा लीडरशिप में नाराजगी को लेकर खाचरियावास ने कहा कि राजनीति किसी की मोहताज नहीं है. जनता को आपको जवाब देना हो तो पॉलिटिक लीडर एग्रेसिव होकर लीडरशिप करता है. अशोक चांदना बड़े स्तर पर मिनी ओलम्पिक आयोजन करवा रहे हैं. आयोजन को लेकर सीएम भी उनकी तारीफ कर चुके हैं. खाचरियावास ने कहा कि खुद अधिकारियों को गलतफहमी हो जाती है कि सरकार उनके भरोसे चल रही है. सरकार तो जनता के आशीर्वाद से चलती है. जनता जब वोट देती है तब सरकार चलती है. उन्होंने कुलदीप रांका और अन्य अधिकारियों का नाम लिए बगैर कहा कि सीएम आप पर भरोसा करते रहे हैं, अधिकारी प्रतिनिधि का ही सम्मान नहीं कर रहे तो आम जनता का कैसे करेंगे? मंत्री खाचरियावास ने कहा कि प्रोटोकॉल में विधायक राज्य की मुख्य सचिव से बड़ा है. एमएलए चाहे कांग्रेस का हो या बीजेपी का, उसका सम्मान करना अफसरों की जिम्मेदारी है. आंदोलन के दौरान छोटी छोटी बात पर एमएलए के खिलाफ मुकदमें दर्ज नहीं किए जाते हैं. मैं खुद सीएम से बात करूंगा, यह नया ट्रेंड डेवलप कर रहे हैं. खाचरियावास ने कहा कि जो भी सीएम होता है, उसकी जिम्मेदारी होती है कि ब्यूरोक्रेसी, सत्ता पक्ष, विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर चलना होता है. चिंतन शिविर में तय हुआ था कि बाद में जाएंगे, लेकिन वो पहले पब्लिक में आ गए. उन्होंने ट्वीट पर शिकायत व्यक्त कर दी. उनकी भावनाओं का सम्मान कराया जाएगा. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में 99 प्रतिशत तो सब ठीक है. एक प्रतिशत तो अधिकारी कर्मचारी यह भी सोचते हैं. सरकार ने 266 नम्बर जारी किया, प्रशासन शहरों का संग अभियान, प्रशासन गांवों के संग अभियान, हमने चलाएं हैं. हम चाहते हैं भ्रष्टाचार रोकना. जनता का काम करना सरकार के सामने चुनौती होती है. हम उस चुनौती को स्वीकार करते हैं.
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