‘एक देश, एक भाषा’ के समर्थन में उतरे संजय राउत, हिंदी के बारे में कही ऐसी बात

संजय राउत ने कहा कि उनको जब भी सदन में बोलने का मौका मिलता है तो वो हिंदी में बोलते हैं, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में लोग समझ पाते हैं कि वो क्या बोल रहे हैं.

शिवसेना (Shiv Sena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने ‘एक देश, एक भाषा’ का समर्थन किया है. संजय राउत ने कहा कि पूरे भारत में हिंदी (Hindi) भाषा बोली जाती है और उसकी स्वीकार्यता भी है. गृह मंत्री अमित शाह को इस चैलेंज को स्वीकार करना चाहिए कि सभी राज्यों में एक ही भाषा हो. बता दें कि संजय राउत की यह टिप्पणी तब आई है, जब करीब 1 महीने पहले अमित शाह ने कहा था कि हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए, न कि स्थानीय भाषाओं के विकल्प के तौर पर. केंद्रीय गृह मंत्री के इस बयान का दक्षिणी राज्यों में कई बड़े नेताओं ने विरोध किया था. गौरतलब है कि संजय राउत ने यह टिप्पणी तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी से जुड़े एक सवाल के जवाब में आई है, जिन्होंने एक दिन पहले हिंदी को कथित तौर पर थोपने की किसी भी कोशिश की निंदा की थी और उन दावों पर सवाल उठाए थे कि इस भाषा को सीखने से रोजगार मिलेगा.

हिंदी सीखने वालों के लिए रोजगार के मौके उपलब्ध होने का दावा करने वालों पर निशाना साधते हुए पोनमुडी ने पूछा था कि अभी कोयंबटूर में ‘पानी पूरी’ कौन लोग बेच रहे हैं. उनका इशारा साफ तौर से इस काम से जुड़े हिंदी भाषी दुकानदारों की तरफ था. तमिलनाडु के मंत्री की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा हिंदी का सम्मान किया है. शिवसेना नेता ने कहा, ‘मुझे सदन में जब भी मौका मिलता है, मैं हिंदी में बोलता हूं, क्योंकि देश को सुनना चाहिए कि मैं क्या कहना चाहता हूं, यह राष्ट्र की भाषा है. हिंदी इकलौती भाषा है, जिसकी स्वीकार्यता है और पूरे देश में इसे बोला जाता है.’ संजय राउत ने ये भी कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री देश-दुनिया में गहरा प्रभाव रखती है. इसलिए किसी भी भाषा का अपमान नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए कि सभी राज्यों में एक भाषा हो. एक देश, एक संविधान, एक निशान और एक भाषा होनी चाहिए.’

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