किसी भी पुलिस वाले की वर्दी को देखकर उसकी रैंक का पता कैसे लगाए? जान लें
अक्सर हम पुलिस की यूनिफार्म को देखकर कन्फ्यूज हो जाते है. भारतीय पुलिस सेना में सभी कार्यरत पुलिसकर्मियों की वर्दी खाकी रंग की होती है लेकिन उनकी रैंक का पता नहीं लग पाता है आइए जानते है होमगार्ड से लेकर डीजीपी तक की रैंक के बारें में
भारतीय पुलिस सेवा में सभी पदों पर कार्यरत पुलिसकर्मियों की वर्दी खाकी रंग की होती है. हालांकि, एक पुलिस वाले की वर्दी पर लगे स्टार्स और बैज के द्वारा ही उनकी रैंक का पता लगाया जाता है. इसके अलावा उनकी वर्दी में लाल और नीले रंग की पट्टियां भी लगी होती है, जिससे हम उनके पदों की सही पहचान कर पाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे भविष्य में किसी भी पुलिस वाले की वर्दी को देखकर उसकी रैंक का पता लगा सकते हैं.
होमगार्ड: यह पद पुलिस विभाग का सबसे निम्न स्तर का पद होता है. होमगार्ड आमतौर पर शहरों में चौराहों पर ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए होते हैं. इनकी वर्दी गहरे खाकी रंग की होती है. इसके अलावा इन्हें लाल टोपी भी दी जाती है. इनकी वर्दी पर कोई स्टार व बैज नहीं होता है. बता दें वर्तमान में उत्तर प्रदेश में ज्यादातर होमगार्ड का पद देखने के मिलता है. जबकि कई राज्यों में यह पद नहीं रखा गया है.
कॉन्स्टेबल: पुलिस विभाग की कार्यशैली में अगर किसी पद से कार्य करने की शुरुआत होती है, तो वह कांस्टेबल के पद से ही होती है. कॉन्स्टेबल का पद किसी भी राज्य में पुलिस विभाग का सबसे निचले स्तर का पद होता है. इन पदों के लिए 12वीं पास अभ्यर्थियों की भर्ती की जाती है. इनकी वर्दी सादे खाकी रंग की होती है तथा इनकी वर्दी पर भी किसी प्रकार का कोई चिन्ह या पट्टियां प्रदर्शित नहीं की जाती है. बता दें कि यह भर्ती ज्यादातर राज्य सरकार के द्वारा की जाती है.
हेड कांस्टेबल: यह पद पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल के प्रमोशन के बाद प्राप्त किया जाता है. इन पदों पर डायरेक्ट भर्ती नहीं की जाती है, बल्कि जब कोई कॉन्स्टेबल पुलिस विभाग में 5 साल या उससे अधिक तक कार्य कर चुका होता है तो उसका प्रमोशन करके उसे हेड कांस्टेबल का पद प्रदान किया जाता है. हेड कांस्टेबल की खाकी वर्दी के साथ-साथ उनके बाएं हाथ की आस्तीन पर 3 लाल रंग के कपड़े की पट्टियां लगाई जाती है. हालांकि, कई राज्यों में ये पट्टियां सफेद या काली रंग की भी हो सकती हैं. आज के समय में बहुत से राज्यों में इस पद को सीनियर पुलिस कांस्टेबल के पद के नाम से भी जाना जाता है.
इंस्पेक्टर: किसी भी राज्य के थाने का जो इंचार्ज होता है, जिसके अधीन उसके थाने के आसपास के क्षेत्र निर्धारित किए जाते हैं, वह पद एक इस्पेक्टर का होता है. इस पद को आम भाषा में एसओ (SO), कोतवाल या एसएचओ (SHO) के नाम से भी जाना जाता है. यह किसी भी थाने में काम कर रहे अधिकारी का सर्वोच्च पद होता है. इसकी वर्दी सब इंस्पेक्टर के जैसी ही होती है, लेकिन इनकी वर्दी पर जो सितारे लगे होते हैं, वह दोनों तरफ तीन-तीन होते हैं. साथ ही इनकी वर्दी पर भी लाल और नीले रंग की पट्टियां लगी होती हैं. बता दें कि यह पद सब इंस्पेक्टर के प्रमोशन के बाद प्रदान किया जाता है.
सब इंस्पेक्टर: किसी भी राज्य के पुलिस विभाग का प्रथम विवेचक अधिकारी तथा साथ ही चौकी इंचार्ज के पद पर कार्य करने वाला अधिकारी सब इंस्पेक्टर ही होता है. आम भाषा में इन्हें दरोगा भी कहा जाता है. इस पद पर राज्य सरकार द्वारा ग्रेजुएट अभ्यर्थियों की भर्ती की जाती है. पुलिस विभाग में यह पद काफी सम्मानित पद होता है. वहीं, इसके रैंक की पहचान की बात करें तो इनकी वर्दी में दोनों ही कंधों पर दो-दो सितारे लगे होते हैं तथा उसके साथ साथ लाल और नीले रंग की पट्टियां भी लगी होती है और साथ ही बाएं हाथ की आस्तीन पर राज्य पुलिस विभाग का बैज (Badge) भी लगाया जाता है.
सहायक सब इंस्पेक्टर: पुलिस विभाग में किसी भी आधिकारिक पद की शुरुआत सहायक सब इंस्पेक्टर (ASI) के पद से ही होती है. सहायक सब इंस्पेक्टर किसी भी थाने पर या फिर थाने से लगी चौकी पर एक सहायक के तौर पर कार्य करता है. इनकी वर्दी की पहचान यह होती है कि इनके कंधे पर दोनों तरफ एक-एक सितारे लगे होते हैं और साथ ही नीले व लाल रंग के कपड़े की पट्टियां भी लगी होती है, जिससे हम इनके पद की पहचान आसानी से कर लेते हैं. कई राज्यों में इसके बाएं हाथ की आस्तीन पर राज्य के पुलिस विभाग का बैज (Badge) भी लगा होता है.
डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस: पुलिस विभाग में किसी राज्य के अंतर्गत आने वाला क्षेत्रीय अधिकारी, जिसके अंतर्गत चार से पांच थानों का इंचार्ज होता है. उसे डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस के नाम से जाना जाता है. हालांकि, कई राज्यों में इस पद को सीओ यानी सर्किल ऑफिसर (Circle Officer) के नाम से जानते हैं. जबकि, केंद्र शासित प्रदेशों में इसे ACP या DCP के नाम से भी जाना जाता है. इनके वर्दी की भी खाकी रंग की ही होती है तथा इनके कंधों पर तीन-तीन स्टार्स लगे होते हैं जो कि सिल्वर कलर के होते हैं. इसके अलावा इसके बाएं हाथ पर राज्य पुलिस विभाग के बैज भी लगे होते हैं तथा इन्हें एक गाढ़े नीले रंग की की डोरी भी प्रदान की जाती है. साथ ही अगर राज्य सरकार में कोई अधिकारी कार्यरत है, तो उसके राज्य का नाम उसके कंधों पर लगा होता है. इसी तरह अगर किसी अधिकारी ने यह पद केंद्र सरकार में यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास करके हासिल किया है, उसके कंधों पर आईपीएस (IPS) का चिन्ह लगा होता है.
एडिशनल सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस: इस पद पर डायरेक्ट यूपीएससी (UPSC) के माध्यम से नियुक्ति की जाती है. इस पद को हम एडिशनल डिप्टी कमिश्नर के नाम से भी जानते हैं. दरअसल, राज्य सरकार में कार्यरत अधिकारी को एडिशनल सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (Additional Superintendent of Police) के नाम से तथा केंद्र शासित प्रदेश में कार्यरत अधिकारी को एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (Additional Deputy Commissioner) के नाम से जाना जाता है. इनकी वर्दी में दोनों कंधों पर केवल अशोक स्तंभ लगा होता है, जो कि इसकी पहचान होती है यह पद डीएसपी (DSP) से उच्च स्तर का है.
सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस: किसी भी केंद्र शासित प्रदेश या फिर राज्य में किसी भी जिले का सर्वोच्च पुलिस अधिकारी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस कहलाता है. इनके अंतर्गत आने वाले जिले की सारी पुलिस इन्हीं के अंडर काम करती है. इसके अलावा जिले में पुलिस विभाग की किसी भी प्रकार की जवाबदेही एक एसपी (SP) की ही होती है. इनकी पहचान इनकी वर्दी में कंधे पर लगे एक अशोक स्तंभ तथा एक सिल्वर स्टार से की जा सकती है. बता दें कि इस पद पर भी डायरेक्ट यूपीएससी (UPSC) के माध्यम से नियुक्ति की जाती है.
सीनियर सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस: जब भी किसी राज्य या फिर केंद्र शासित प्रदेश में किसी जिले की आबादी अधिक होती है तो वहां पर एक एसएसपी (SSP) नियुक्त किया जाता है जिसे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कहते हैं. यह सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस से ऊपर का पद होता है. जब किसी एसपी के कार्यकाल के अधिक वर्षों तक बढ़ाया जाता है, तब उसे प्रमोशन के तौर पर यह पद प्रदान किया जाता है. इनकी वर्दी में कंधे पर लगे एक अशोक स्तंभ के साथ दो सिल्वर स्टार भी लगे होते हैं, जिससे इनके पद की पहचान की जा सकती है. बता दें कि कई केंद्र शासित प्रदेशों में इस पद को डीसीपी (DCP) के नाम से भी जाना जाता है.
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस: किसी केंद्र शासित प्रदेश या राज्य में कानून व्यवस्था को सुचारु रुप से लागू करने के लिए तथा राज्य व केंद्र शासित प्रदेश के सभी जिलों की कमान जिस अधिकारी को सौंपी जाती है, उसे डीआईजी (DIG) कहते हैं. इन्हें पुलिस उपमहानिरीक्षक के नाम से भी जाना जाता है. इन्हें आमतौर पर एडिशनल कमिश्नर भी कहा जाता है. इसके अलावा बता दें यह एक आईपीएस अधिकारी की ही रैंक होती है, जो की प्रमोशन के बाद प्रदान की जाती है. इनकी पहचान इनकी वर्दी पर लगे अशोक स्तंभ और 3 सिल्वर स्टार्स से की जा सकती है. इनके कंधे पर आईपीएस (IPS) का बैच भी लगा होता है.
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस: इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस किसी भी राज्य में पुलिस महानिरीक्षक के तौर पर कार्यरत होते हैं. इसके अलावा ये अपने मंडल क्षेत्र में आने वाले जिलों के निरीक्षक भी होते हैं. यह पद डीआईजी (DIG) के प्रमोशन के बाद प्रदान किया जाता है. इनकी वर्दी में इनके कंधे पर एक तलवार का चिन्ह तथा एक सिल्वर स्टार लगा होता है और इसी के साथ-साथ वर्दी पर आईपीएस (IPS) का बैच भी लगा होता है.
एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस: किसी भी प्रदेश में डीजीपी के सहायक के तौर पर कार्य करने वाले अधिकारी को एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस कहते हैं. प्रदेश की कानून व्यवस्था को एक सहायक के रूप में सुचारू रूप से चालू रखने के लिए भी ये कार्यरत होते है. इनकी वर्दी में इनके कंधे पर एक तलवार तथा एक अशोक स्तंभ लगा होता है और उसी के साथ साथ वर्दी के कॉलर पर Gorget Patch भी लगा होता है. इसके अलावा उनकी वर्दी पर आईपीएस का बैच भी होता है.
डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस: भारत में कोई भी राज्य हो चाहे वह केंद्र शासित प्रदेश हो या फिर किसी भी राज्य सरकार के अधीन हो उसके पुलिस डिपार्टमेंट का जो निदेशक होता है, जिसे हम पुलिस विभाग के मालिक के तौर पर भी जानते हैं, वह पद डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) का होता है. इनके अधीन राज्य की सारी पुलिस व्यवस्था होती है, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर राज्य सरकार की पुलिस व्यवस्था की कमान संभलते हैं. इसकी वर्दी में इनके कंधे पर एक तलवार तथा एक अशोक स्तंभ प्रदर्शित किए जाते हैं और उसी के साथ-साथ आईपीएस का बिल्ला भी मौजूद होता है.
डायरेक्टर ऑफ इंटेलिजेंस ब्यूरो: संपूर्ण भारत का सबसे बड़ा पद क्योंकि पूरे प्रदेश चाहे वह केंद्र शासित ही क्यों ना हो उन सबके इंटेलिजेंस ब्यूरो का निदेशक होता है. इन्हें हम डायरेक्टर ऑफ इंटेलिजेंस ब्यूरो (Director of Intelligence Bureau) कहते हैं. इनकी वर्दी में इनके कंधे पर अशोक स्तंभ का चिन्ह व एक सिल्वर स्टार और एक तलवार का चिन्ह लगा होता है. इसी के साथ-साथ इनकी वर्दी पर आईपीएस का बिल्ला भी मौजूद होता है. बता दें कि ये खुफिया विभाग (Intelligence Bureau) का सबसे बड़ा पद होता है, जो कि पूरे भारत में सिर्फ एक ही होता है.
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