कोटा का विज्ञान केंद्र बना कर्मचारियों की अय्याशी का अड्डा, दफ्तर को बनाया अपना घर

कोटा के एक सरकारी दफ्तर को वहां के सरकारी कारण दो ने अपना अय्याशी का अड्डा बना दिया है. शाम 6:00 बजे तक तो ऑफिस और उसके बाद वह सरकारी दफ्तर बन जाता है उनका घर, उनके लिए अय्याशी का अड्डा. ज़ी मीडिया के कैमरे में हर तस्वीर कैद हुई है.

Kota: कोटा के एक सरकारी दफ्तर को वहां के सरकारी कारण दो ने अपना अय्याशी का अड्डा बना दिया है. शाम 6:00 बजे तक तो ऑफिस और उसके बाद वह सरकारी दफ्तर बन जाता है उनका घर, उनके लिए अय्याशी का अड्डा. ज़ी मीडिया के कैमरे में हर तस्वीर कैद हुई है. कोटा का विज्ञान केंद्र वहां के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अड्डा बन गया है.

कोटा के डीसीएम रोड पर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का विज्ञान केंद्र है. रात को 9:00 बजे बाद आपको यहां कर्मचारी अंडरवियर और बनियान में नजर आएंगे. कपड़ों पर प्रेस की जा रही है तो दूसरी तरफ सरकारी दफ्तर की फाइल है और उसी कमरे में रसोई सजी है. रोटी बन चुकी है. दूध उबल रहा है. वहीं, यहां के मुख्य अधिकारी के कमरे में सोने के लिए बिस्तर तैयार है यानी अवैध तरीके से अनाधिकृत तरीके से यहां के सरकारी कर्मचारी यहां के बाबू किस तरह से सभी नियमों को ताक पर रखकर के सरकारी दफ्तर के साथ हम मजाक कर रहे हैं इसका पूरा खुलासा हम करने जा रहे हैं.

अब इन दोनों की पहचान भी जान लीजिए. यहां के बाबू और टेक्नीशियन दोनों ने कारनामा कर घर का किराया बचाने के लिए अपने सरकारी ऑफिस को अपना घर बना दिया. कमलेश कांवरिया है LDC और कैलाश पूर्वइया टेक्निकल सहायक का ये कारनामा है. अब जब यह पूरी हककत हमारे कैमरे में कैद हुई इसके बाद में ऐसे दफ्तर के अधिकारी यहां के परियोजना अधिकारी जो मुख्य अधिकारी भी कहे जा सकते हैं भुवनेश कुमार शर्मा से हमने बात की. हमने बताया कि आप के दफ्तर में हम यहां पहुंचे हैं आप के दफ्तर के हालात यहां पर हमें ऐसे मिले हैं और बकायदा कैमरे पर कैद करते हुए हमने उनसे सवाल किया. उन्होंने भी इस पर अपनी हैरानी व्यक्त की साहब ने कुछ इस तरह का रवैया जताया जैसे मानों इनकी जानकारी में कुछ है ही नहीं, जबकि महीनों से कोई एक-दो दिन से नहीं पूरे कई महीनों से इस सरकारी दफ्तर को यहां के कर्मचारियों ने अपना अय्याशी का अड्डा बनाया हुआ है.

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