झुंझुनूं में गर्मी का कहर: टमाटर की गुणवत्ता गिरी, नींबू 250 रुपए किलो तक पहुंचा…
सब्जियों के दामों में भारी गिरावट से किसान परेशान, उपभोक्ताओं को मिली आंशिक राहत
तेज गर्मी और लू ने झुंझुनूं जिले में सब्जियों और फलों की गुणवत्ता पर बुरा असर डाला है। तापमान बढ़ने के कारण टमाटर सहित कई सब्जियों की गुणवत्ता खराब हो गई है, वहीं मांग में कमी से उनके दामों में भी भारी गिरावट देखने को मिली है।
वर्तमान में खरबूजा बाजार में लगभग 100 रुपए में 4 किलो बिक रहा है। तरबूज की आवक सीमित है, जिसकी वजह से इसकी कीमतें 20 से 25 रुपए प्रति किलो के बीच स्थिर बनी हुई हैं।
दूसरी ओर, नींबू की मांग तेज होने से इसके दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। झुंझुनूं में नींबू 200 से 250 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। बढ़ती कीमतों के कारण कई खुदरा विक्रेताओं ने नींबू बेचना ही बंद कर दिया है।
सब्जियों की कीमतों में गिरावट, किसानों को नुकसान
लू और भीषण गर्मी के चलते झुंझुनूं में सब्जी उत्पादन काफी कम रह गया है। जिले में सिर्फ चिड़ावा और उदयपुरवाटी क्षेत्र से सीमित मात्रा में सब्जी आ रही है, जबकि बाकी आपूर्ति सीकर, चौमूं और जयपुर की मुहाना मंडी से हो रही है। प्याज की फसल पचलंगी, पापड़ा, रसीदपुर और लक्ष्मणगढ़ क्षेत्रों से आनी शुरू हो गई है।
गर्मी के चलते सब्जियों के दामों में 20 से 30 फीसदी तक गिरावट आई है। खुदरा और थोक बाजार दोनों में सब्जियों के दाम घटे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
भाड़े से बढ़ी सब्जियों की लागत
स्थानीय सब्जी विक्रेताओं असलम और अनीस ने बताया कि स्थानीय उत्पादन कम होने के कारण सब्जियां दूरदराज से मंगानी पड़ रही हैं, जिससे परिवहन भाड़ा बढ़ने के कारण लागत भी बढ़ गई है।
झुंझुनूं में व्यवस्थित मंडी की जरूरत
शहर में खुदरा सब्जी मंडी की कमी लंबे समय से बनी हुई है। दुकानदार फिलहाल सड़क किनारे ठेलों और अस्थाई दुकानों पर बिक्री कर रहे हैं। पुरानी सब्जी मंडी छोटी है और वहां तक चार पहिया वाहनों की आवाजाही भी कठिन है। इसी वजह से पुराने बस स्टैंड, एक नंबर रोड, गुढ़ा मोड़, चूरू बाइपास और मंडावा मोड़ जैसे स्थानों पर अस्थाई सब्जी बाजार लगते हैं। व्यापारी लगातार एक व्यवस्थित और बड़ी मंडी की मांग कर रहे हैं।
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