नालसा की 18वीं आल इंडिया मीट का उद्घाटन, CJI सहित सुप्रीम कोर्ट के 15 जज रहे मौजूद

देशभर के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों की 18 वीं ऑल इंडिया मीट का आगाज शनिवार को जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में किया गया.

देशभर के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों की 18 वीं ऑल इंडिया मीट का आगाज शनिवार को जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में किया गया. सीजेआई एन वी रमन्ना, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू और नालसा के एक्जीक्यूटीव चैयरमेन जस्टिस यू यू ललित ने दीप प्रज्ज्वलित कर दो दिवसीय इस का ऑल इंडिया मीट शुभारंभ किया.

सीजेआई एन वी रमन्ना द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की 18 वी ऑल इंडिया मीट के उद्घाटन करने के साथ ही राजस्थान के न्यायिक इतिहास में शनिवार का दिन एक नए अध्याय के रूप में शामिल हो गया. कोविड काल के चलते करीब तीन वर्ष बाद आयोजित हो रही इस नेशनल मीट में पहली बार इतने बड़े स्तर पर देशभर के न्यायाधीश जुटे हैं. ऑल इंडिया मीट में सीजेआई सहित सुप्रीम कोर्ट के 15 जज, 22 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, 76 हाईकोर्ट न्यायधिशो के साथ 33 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के सदस्य सचिव शिरकत कर रहे हैं. उदघाटन समारोह में सीजेआई से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी नालसा और रालसा की तारीफ की. जेईसीसी में आयोजित हो रहे इस दो दिवसीय मीट के प्रथम दिन उद्घाटन समारोह के बाद 2 सत्र आयोजित हुए. उद्घाटन समारोह में ई प्रीजन पोर्टल, ई मुलाकात, लीगल एड केस मैनेजमेंट पोर्टल और मोबाईल एप्प भी लांच किये गए. वहीं, प्रथम सत्र में नालसा एक्जीक्यूटीव चैयरमेन जस्टिस यू यू ललित ने देश के सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के चेयरमैन और सदस्यों सचिवों से तकनीकी बिंदुओं पर चर्चा की. जस्टिस ललित ने राष्ट्रीय लोक अदालतों की सफलता के लिए सभी की प्रशंसा की.  नालसा के इस कार्यक्रम में शामिल हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय कानून मंत्री ने वकीलों की मोटी फीस को न्याय की पहुंच को आमजन से दूर करने वाला बड़ा कारण बताया.अशोक गहलोत ने कहा कि कई जज फेस वैल्यू देखकर फैसला देते हैं.वकीलों की फीस इतनी ज्यादा है कि गरीब आदमी सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता. वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने भी गहलोत का समर्थन करते हुए कहा कि जो लोग अमीर होते हैं, वे लोग अच्छा वकील कर लेते हैं.आज दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में कई वकील ऐसे हैं, जिन्हें आम आदमी अफोर्ड ही नहीं कर सकता है. आजादी के 75 वें वर्ष में आयोजित हो रही इस मीट में आजादी के 100 वें वर्ष यानी 2047 के लिए विधिक सेवा का विजन तय किया जायेगा. देशभर से जुटे ये 100 से अधिक जज दो दिन तक विभिन्न तकनीकी सत्रों में विधिक सेवा के भविष्य से लेकर आम जनता तक सुगम और सस्ता न्याय पहुंचाने पर चर्चा करेंगे.

Comments are closed.