पंचायत समिति सभागार में कृषक गोष्ठी का हुआ आयोजन, डिप्टी डायरेटर ने जैविक खेती को बढावा देने की कही बात
सरदारशहर पंचायत समिति सभागार में कृषि गोष्ठी का आयोजित की गई. इस दौरान डीप्टी डायरेक्टर दीपक कपिला ने कृषकों को रबी फसलों में बीजोपचार से लेकर फसल कटाई तक की कृषि तकनीक के बारे में बताते हुए जैविक खेती को बढावा देने को कहा.
पंचायत समिति सभागार उपनिदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक चूरू के तहत कैफेटेरिया बी-12 अन्तर्गत एक दिवसीय रबी पूर्व कृषक गोष्ठी के आयोजन में क्षेत्र के 104 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया. डीप्टि डायरेटर दीपक कपिला ने कृषकों को रबी फसलों में बीजोपचार से लेकर फसल कटाई तक की कृषि तकनीक के बारे में बताते हुए जैविक खेती को बढावा देने को कहा.
किसानों ने कहा कि वर्तमान में फसलों की बुआई होनी है, किसानों को यूरिया-डीएपी नहीं मिल रही है. यह किसानों की उचित मांग को सुनते हुए कृषि अधिकारी कुलदीप शर्मा ने किसानों को डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट व यूरिया उपयोग करने की बात कही. किसानों ने रबी की फसल में यूरिया-डीएपी की किल्लत का मुद्दा उठाया.
किसानों ने कहा सिंगल सुपर फास्फेट एक फास्फोरस उर्वरक है. जिसमें 16 प्रतिशत फास्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर है. सिंगल सुपर फास्फेट व यूरिया का साथ में उपयोग किया जाए, तो यह डीएपी से भी अच्छा होता है. क्योंकि सिंगल सुपर फास्फेट में सल्फर व कैल्शियम होता है व यूरिया से नाइट्रोजन की उपलब्धता होती है. इससे धान फसल में कचरे का प्रमाण काफी कम होता है. उसी प्रकार फसल की वृद्धि भी अच्छी तरह से होती है. इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरक की अपेक्षा अधिक लाभदायक है.
डीएपी की अपेक्षा सिंगल सुपर फास्फेट सस्ता एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है. इन रुपयों में फास्फोरस 24 किलोग्राम, नाइट्रोजन 20 किलोग्राम एवं सल्फर 16 किलोग्राम प्राप्त होता है. एक डीएपी खाद के कट्टे में 23 किलो फास्फोरस एवं 9 किलोग्राम नाइट्रोजन ही मिलेगी. इसमें सल्फर नहीं मिलेगी. जो दलहनी फसलों में प्रोटीन बढ़ाती है. पशु चिकित्सक केशरीचन्द नाई ने पशुओं में लम्पी स्किन डिजिज के टीकाकरण के बारे में बताया.
इस दौरान डॉ. हरिश रछौया, सहायक कृषि अधिकारी कृष्ण कुमार सहारण, कृषि पर्यवेक्षक सांवरमल जाखड़, सुखराम गोदारा, अनुज सुथार, सरोज बाला,कृषक कामरेड भगवानाराम जाखड़,सांवरमल सिहाग,भगवानाराम मेघवाल, बजरंगदास, मोटाराम, रमेश तेतरवाल, हेतराम पोटलिया, रश्मि, मोहिनी, गोकुल पारीक, रूघाराम खीचड़, विजय झोरड़ मौजूद रहें.
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