प्याज की नई फसल ने तोड़ी कीमतें, किसानों को भारी नुकसान…
उत्पादन लागत से भी कम दाम, कई किसानों ने खेत जोत दिए
सीकर | शेखावाटी में प्याज की नई फसल के बाजार में आते ही कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है, क्योंकि प्याज का थोक भाव 8 रुपये प्रति किलो तक गिर गया है, जबकि इसकी उत्पादन लागत 9 रुपये प्रति किलो आ रही है।
बढ़ी पैदावार, घटी मांग—कीमतों में भारी गिरावट
विशेषज्ञों के अनुसार इस साल प्याज की खेती का दायरा बढ़ा है। पिछले साल सीकर जिले में 18 हजार हेक्टेयर में प्याज की बुवाई हुई थी, जो इस साल 22 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गई। अनुकूल मौसम के कारण अच्छी फसल हुई, जिससे मंडियों में प्याज की आवक बढ़ गई। दूसरी ओर, निर्यात में कमी और शादियों व अन्य आयोजनों की कम मांग ने प्याज के भाव और गिरा दिए।
लागत ज्यादा, मुनाफा कम—किसानों ने खेत जोते
किसानों के अनुसार, एक बीघा प्याज की खेती पर करीब 36,500 रुपये खर्च आता है, लेकिन मौजूदा कीमतों पर एक बीघा की पैदावार से केवल 29,000 रुपये ही मिल रहे हैं। ऐसे में घाटे से परेशान कई किसानों ने अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया और नए सिरे से बुवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
रसीदपुरा के गोरधन सिंह ने 7 बीघा में प्याज उगाई थी, लेकिन लागत न निकलने के कारण 9 बीघा में खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। इसी तरह तासर बड़ी के जगन सिंह ने 9 बीघा प्याज जोत दी, जबकि रामवतार गढ़वाल 10 बीघा की फसल खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं।
भविष्य की राह—नए विकल्प तलाश रहे किसान
बाजार में प्याज के कम दामों और बढ़ती लागत के कारण किसान अब अन्य फसलों की ओर रुख करने की योजना बना रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को निर्यात को बढ़ावा देने और समर्थन मूल्य तय करने जैसे कदम उठाने होंगे, ताकि किसानों को इस संकट से उबारा जा सके।
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